10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अंधेरे में रेलवे स्टेशन, सुरक्षा व्यवस्था नदारद

बांका : जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुढ़हारा हॉल्ट पर यात्री सुविधा के नाम पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. मालूम हो कि पिछले कई माह से इस हॉल्ट पर रोशनी की सुविधा नहीं है. इससे इस हॉल्ट पर प्रतिदिन सैकड़ों यात्रियों को अंधेरे में स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार […]

बांका : जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुढ़हारा हॉल्ट पर यात्री सुविधा के नाम पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. मालूम हो कि पिछले कई माह से इस हॉल्ट पर रोशनी की सुविधा नहीं है. इससे इस हॉल्ट पर प्रतिदिन सैकड़ों यात्रियों को अंधेरे में स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है. इस हॉल्ट पर राजेंद्र नगर व भागलपुर बांका लोकल ट्रेन का ठहराव होता है.

ट्रेन से आस-पास के गांव बिसनपुर, बैसा, चंदननगर, शंकरपुर, मजलिशपुर, भगवानपुर, रीगा, बैद्यनाथपुर,मंझियारा, बिंडी, गोलाहू, करनाबै, हरिपुर, खड़िहारा, लपटोलिया सहित अन्य गांव के सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन विभिन्न स्थानों के लिए अपनी यात्रा तय करते हैं. इसमें यात्री को दिक्कत तब आती जब रात में लोकल ट्रेन भागलपुर से यहां पहुंचती है. लोग अंधेरे में उतर कर अपने घर को जाते हैं. इस दौरान कई यात्री गिरने से जख्मी भी हो जाते हैं. इस अंधेरे का फायदा स्थानीय उच्चके उठाते हैं. पुलिस के पचड़े में नहीं पड़ने को लेकर यात्री अपनी जुबान बंद करना ज्यादा पसंद करते हैं.

यात्री की सुविधा के नाम पर पेयजल, शौचालय की भी समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है, जबकि विभाग को इस हॉल्ट से प्रत्येक माह हजारों रुपये की कमाई होती है. – ट्रेन के आने-जाने के समय नहीं रहती है पुलिस की गश्ती पर्व को लेकर प्रदेश रहने वाले लोग ट्रेन से अपने घर को लौट रहे हैं. इसको लेकर रेलवे हॉल्ट पर लोगों की भीड़ बढ़ गयी है. लेकिन रात में उतरने वाले यात्रियों के लिए ना तो विभाग के द्वारा कोई व्यवस्था की गयी है और ना ही स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा यात्री की सुविधा के लिए कोई ठोस पहल की गयी है. मालूम हो कि पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा इस हॉल्ट के समीप गश्ती दल को लगाया गया था,

जो देर शाम से ट्रेन जाने तक इस हॉल्ट पर मौजूद रहता था. जिससे यात्री सुरक्षित अपने घर तक पहुंचते थे. – पूर्व में ट्रेन पर हो चुकी है घटना प्रतिदिन इस हॉल्ट पर ट्रेन सैकड़ों यात्री यात्रा कर अपने घर तक पहुंचते हैं. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था नहीं रहने जो भी यात्री यहां उतरते हैं उनके साथ आये दिन छोटी बड़ी घटनाएं होती रहती है. मालूम हो कि यात्री प्रतिदिन जुआरियों के भी शिकार होते हैं. ट्रेन पर प्रत्येक दिन गोटी का खेल खेला जाता है.

जिसमें दस के बीस सौ के दो सौ एवं हजार के दो हजार खेल के जीत पर देने का प्रलोभन दिया जाता है. लोभ में आकर कई यात्री इस खेल में शामिल हो जाते हैं और अपना सब कुछ लुटाकर खाली हाथ घर पहुंचते हैं. इस पर अंकुश लगाने के लिए कोई प्रशासनिक व्यवस्था नहीं की गई है. – क्या कहते है थानाध्यक्ष इस संबंध में टाउन थानाध्यक्ष सूर्यनाथ सिंह से पूछे जाने पर बताया कि पर्व को लेकर शहर सहित आस पास के सभी मुख्य मार्ग रेलवे स्टेशन, हॉल्ट, बस स्टैंड, अस्पताल आदि जगहों पर गश्ती दल को लगाया गया है. चिन्हित स्थानों पर विशेष चौकसी वरती जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें