बांका : बिहार सरकार अंतर्गत कंफेट द्वारा संचालित बांका में सुधा डेयरी जिले के किसानों एवं पशुपालकों को अच्छी सुविधा देने में सक्षम नहीं हो पा रही है. जबकि डेयरी विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपये अब तक खर्च किया जा चुका है. बांका का सुधा डेयरी की स्थापना तत्कालीन पशुपालन मंत्री रामनारायण मंडल द्वारा 6 अगस्त 2010 को किया गया था.
इसका मुख्य उद्देश्य किसानों एवं पशुपालकों को दूध उत्पादन क्षेत्र में बढ़ावा देना है. लेकिन लगभग 9 वर्ष पूरा होने के बावजूद भी जिले के किसानों को स्थापित डेयरी का भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है. वर्तमान समय में डेयरी द्वारा जिले के विभिन्न प्रखंडों में दूध संग्रहण हेतु 218 समितियों का संचालन किया जा रहा है.
संचालित समितियों में कम्फेट पटना द्वारा 70 समितियों का निबंधन किया गया है. शेष समितियां निबंधन हेतु प्रस्तावित है. इन समितियों से वर्तमान समय में लगभग 8 हजार लीटर दूध प्रतिदिन संग्रहण का कार्य किया जाता है. इसके लिए जिले में 6 शीतक केंद्र का निमार्ण सरकार द्वारा किया गया है. अब तक कहां कितनी समितियां खोली गयी – रजौन प्रखंड में 38 – धोरैया 23 – बाराहाट 10 – शंभूगंज 40- अमरपुर 60- बेलहर 43- बांका 4- कहां स्थापित है शीतक केंद्र बांका, अमरपुर, शंभुगंज, बाराहाट, रजौन, कटोरिया – कहते है प
दाधिकारी इस संबंध मेंबांका डेयरी के प्रापण पशुपालक सहायक पदाधिकारी जयप्रकाश कुमार ने बताया कि जिले के 218 समितियों से 8 हजार लीटर दूध संग्रहण किया जा रहा है. बौंसी प्रखंड में किसानों के पास पर्याप्त मात्रा में दूध उत्पादन नहीं है. जबकि चांदन एवं कटोरिया प्रखंड पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र रहने के कारण दूध संग्रहण कार्य नहीं किया जा रहा है. इसके बावजूद सरकार द्वारा कटोरिया में 5 हजार लीटर क्षमता बाला दूध शीतक केंद्र स्थापित किया गया है. लेकिन सरकार द्वारा अभी तक डेयरी को नहीं सौंपा गया है. उन्होंने बताया कि रजौन प्रखंड के कटचातर गांव में निर्मित शीतक केंद्र बंद पड़ा है.
वहां मुख्य सड़क से शीतक केंद्र तक पहुंच पथ नहीं बनाया जा सका है. नक्सल प्रभावित बेलहर प्रखंड में भारत सरकार के एनडीपी -1 एनडीटीवी द्वारा राष्ट्रीय डेयरी विकास वोर्ड के तहत किसानों के बीच समिति बना कर दूध उत्पादन को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है. वोर्ड द्वारा वर्ष 2015-16 में 100 समितियों का गठन किया जाना है. इसके लिए तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है. इस योजना के तहत वर्तमान समय में रजौन, शंभुगंज एवं अमरपुर प्रखंड में देशी गाय को कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से अच्छे दुधारु गाय की नस्ल पैदा की जा रही है. इस कार्य के लिए 40 कृत्रिम गर्भाधान कर्ता को लगाया गया है. इसके अलावा डेयरी के माध्यम से संतुलित पशु आहार के लिए जेई, मक्का, बारसीम, चेइनीज बीज एवं सुधा दाना अनुदानित मूल्य पर पशुपालकों को दिया जा रहा है.