बांका : खरीफ की बेहतर खेती से खिले किसानों के चेहरे इस बार रबी की फसल देख मुरझाने लगे हैं. चने की खेती करने वाले सैकड़ों किसानों को इस बार जबरदस्त झटका लगने जा रहा है. प्रखंड क्षेत्र के मंझियारा व बिंडी बहियार के करीब 10 बीघा खेत में लगी चने की फसल में दाना नहीं आया है. किसान सिर पीटने को मजबूर हैं.
पीड़ितों की सुधी लेने न तो केवीके और न ही कृषि विभाग की टीम पहुंची है. किसानों के अनुसार चने की फसल में दाना नहीं आया और अब कीड़े का प्रकोप है, जो फूट रहे दाने पर कुप्रभाव डाल रहे हैं. पानी की कमी से चना की फसल प्रभावित हुई है. सिंचाई नहीं होने से पौधे ठीक ढंग से नहीं उग पाये हैं. दलहन की अन्य फसल पर भी असर पड़ रहा है. जिले के विभिन्न क्षेत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मकई खेती में भी अबतक दाना नहीं आया है.
कर्ज ले किसानों ने की चने की खेती:
मंझियारा व बिंडी बहियार में करीब सौ से अधिक किसान खेती करते हैं. गेहूं के बाद बड़ी मात्रा में चने की खेती होती है. परंतु दाना नहीं आने से किसानों को आर्थिक क्षति की चिंता सता रही है. किसान परमानंद सिंह, पप्पू कुमार, कांता प्रसाद, वीरेंद्र ने बताया कि बीज मार्केट से खरीदे थे. विधिवत लगाने के बावजूद समय पर दाना नहीं फूट रहा है. फसल में कीड़े भी लगने लगे हैं. कई किसानों ने कर्ज लेकर खेती की है. दाना नहीं आया तो किसानों का पूरा पैसा डूब जायेगा.
किसानों को होगा लाखों का नुकसान
मामला प्रखंड अंतर्गत मंझियारा व बिंडी
बहियार का
कीड़ा लगने से दाना नहीं आने की संभावना रहती है. कीड़े की पहचान करें. तत्काल पिल्लू पड़ने का अधिक खतरा रहता है. किसान अविलंब फ्लू बेंडियामाइंड दवा की छिड़काव करें. बाजार में यह दवा फेम के नाम से प्रचलित है. किसान 30 एमएल प्रति एकड़ दवा पानी में घोल कर छिड़काव करें, इससे कीड़े का प्रकोप समाप्त हो जायेगा.
डाॅ सुनीता कुशवाहा, वैज्ञानिक, केवीके