बांकाः क्षेत्र के सुदूर ग्रामीण इलाके से प्रसव के लिए आयी महिलाओं से सदर अस्पताल में शायद ही बिना पैसे लिए प्रसव कराया जाता है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अगर परिजनों के पास रुपये नहीं रहते हैं तो इसके लिए उन्हें आभूषणों को देकर छुटकारा पाना पड़ता है. इस खेल में आशा से लेकर अस्पताल के कई अधिकारी व कर्मी की मिली भगत होती है. प्रसव के लिए आयी कई महिलाओं ने बताया कि रुपये नहीं देने पर उनकी देखरेख सही तरीके से नहीं की जाती है.
चिकित्सक सहित अन्य कर्मी लापरवाह दिखते हैं. जिले के बेलहर प्रखंड क्षेत्र के कोलवारा गांव निवासी अरुण यादव का कहना है कि प्रसव के लिए सदर अस्पताल पत्नी सरिता देवी को लेकर आया. जहां 500 रुपये की मांग की गयी. इसमें 300 रुपये का भुगतान करने के बाद प्रसव कराया गया. 48 घंटे में अस्पताल में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया.
अगर चिकित्सक व वहां तैनात कर्मी के द्वारा सही देखरेख की जाती तो आज उनका बच्च जिंदा होता. पैसा देकर भी संतान को खो दिया. उन्होंने बताया कि हो सकता है, 500 रुपये की जगह 300 रुपये देने से बच्चे की देखरेख नहीं की गयी. इस संबंध में सीएस केपी सिंह का कहना है कि बिना साक्ष्य के कार्रवाई नहीं हो पाती है. इस संबंध में कोई महिला या उसके परिजन आवेदन दें, तो उसके ऊपर अवश्य कार्रवाई की जायेगी.