बांका : समाहरणालय के राजस्व शाखा कार्यालय में बुधवार को घुस लेने के आरोप में डीएम के आदेश पर विभाग के एक कर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया. जिन्हें डीएम के आदेश पर जेल भेज दिया गया है. जानकारी के अनुसार कार्यालय में जिले के खुदरा बालू अनुज्ञप्ति को लेकर आवेदन जमा लिया जा रहा था. इस दौरान विभाग के लिपिक मनोहर तिवारी प्रत्येक आवेदक से बतौर दस्तूरी के रूप में एक हजार रुपये लेने की एक गुप्त सूचना किसी एक आवेदक ने जिलाधिकारी को दे दी.
सूचना मिलने पर जिलाधिकारी कुंदन कुमार हरकत में आये और अपने कार्यालय वेश्म से निकलकर राजस्व शाखा पहुंचे. जहां डीएम के आदेश पर उक्त लिपिक की तलाशी ली गयी. तालाशी के दौरान लिपिक के पास से रिश्वत में लिये गये 43 हजार एक सौ रुपये नगद बरामद हुआ. जिस पर डीएम ने खनिज विकास पदाधिकारी विजय प्रसाद सिंह को लिपिक पर मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया. तुरंत इस मामले की जानकारी बांका सदर थाना के थानाध्यक्ष राकेश रंजन सिंह को दिया गया.
मामले की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष दल बल के साथ राजस्व शाखा पहुंचकर आरोपी लिपिक को हिरासत में ले लिया. बाद में इस मामले की प्राथमिकी खनिज विकास पदाधिकारी ने दर्ज करायी.
देर शाम तक मामले की
रही सनसनी
उधर समाहरणालय परिसर में ही इस तरह का मामला सामने आने पर सनसनी फैल गयी. देर शाम तक जितनी मुंह उतनी बातें होती रही. बताया जा रहा है कि इस तरह का मामला समाहरणालय में पहली बार सामने आया है. इस मौके पर ओएसडी डा. राकेश कुमार, अपर समाहर्ता कन्हैया प्रसाद श्रीवास्त, एडीपीआरओ दिलीप सरकार के अलावा भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद थे.
आवेदन जमा लेने के नाम पर प्रति आवेदन ले रहा था एक हजार रुपये रिश्वत
खुदरा बालू अनुज्ञप्ति के लिए विभाग के द्वारा मंगलवार को आवेदन जमा लेने की अंतिम तिथि निर्धारित था. इसको लेकर बालू संवेदकों का आवेदन समाहरणाल के प्रथम तल्ला पर स्थित राजस्व शाखा कार्यालय में जमा लिया जा रहा था. इसको लेकर भारी संख्या में बालू संवेदक के आवेदक कार्यालय में अपना आवेदन जमा करने पहुंचे थे. जिसमें राजस्व विभाग के उक्त कर्मी के द्वारा प्रति आवेदन बतौर घुस के रूप में राशि वसुल रहे थे. इसी क्रम में विभाग के लिपिक के द्वारा घुस लेने की गुप्त सूचना डीएम को मिलते ही डीएम ने त्वरित कार्यवाई किया और लिपिक के तालाशी के बाद उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया. इस दौरान पूरे समाहरणालय में हड़कंप का माहौल देखा गया. समाहरणालय स्थित राजस्व विभाग के अन्य कर्मी इस मामले के बारे में कुछ भी बताने से बचते रहे. साथ ही कुछ देर तक के लिए आवेदन जमा लेने की प्रक्रिया रुक गयी. जिसे बाद में बगल स्थित एडीएम कार्यालय में चालू कराया गया. जहां शाम के पांच बजे तक आवेदन जमा लिया गया. बताया जा रहा है कि प्रति आवेदन एक हजार रुपये मिलने के बाद ही उक्त लिपिक के द्वारा पावती रसीद दिया जाता था. कम राशि देने पर उक्त कर्मी के द्वारा पावती रसीद नही दी जा रही थी. मजबूरन आवेदकों को निर्धारित राशि देनी पड़ रही थी.
जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने भ्रष्टाचारियों को दी है कड़ी चेतावनी
मामले की शिकायत पर तुरंत जांच कर मामले की पुष्टि की गयी. पुष्टि होने के बाद उक्त लिपिक पर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. साथ ही लिपिक को निलंबित कर दिया गया है. उक्त लिपिक पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही जिलेभर के सभी सरकारी व गैर सरकारी कर्मी को कड़ी चेतावनी दी है कि रिश्वत लेने व देने के मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा. ऐसे मामले में भ्रष्टचारी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
कुंदन कुमार, डीएम, बांका