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पुश्तैनी धंधे से कुम्हारों को दैनिक मजदूरी पर भी संकट
कटोरिया : एक समय था जब दीपों के पर्व दीपावली के मौके पर कुम्हार की चाक पर तैयार मिट्टी के दीये से ही सभी घरों में उजियाला फैलता था. लेकिन चाइनीज दीये व बल्व की बढ़ती डिमांड के कारण कुम्हारों के घरों में ही अंधेरा छाया हुआ है. पुश्तैनी धंधा से दैनिक मजदूरी पर भी […]
कटोरिया : एक समय था जब दीपों के पर्व दीपावली के मौके पर कुम्हार की चाक पर तैयार मिट्टी के दीये से ही सभी घरों में उजियाला फैलता था. लेकिन चाइनीज दीये व बल्व की बढ़ती डिमांड के कारण कुम्हारों के घरों में ही अंधेरा छाया हुआ है.
पुश्तैनी धंधा से दैनिक मजदूरी पर भी आफत हो गयी है. प्रखंड के कठौन पंचायत के डोमकट्टा गांव के सभी कुम्हार जाति के लोग आज भी मिट्टी निर्मित बर्तन, दीये व खिलौने बना कर बाजार में बेचने के रोजगार में जुड़े हुए हैं. दीपावली व शादी-लग्न जैसे मौके पर तो गांव के लोगों को कम आमदनी ही सही, काम तो मिल जाता है.
लेकिन मिट्टी के बर्तन व खिलौने की घटती डिमांड के कारण कुम्हार जाति के लोगों का पुश्तैनी धंधा ही अब विलुप्त होने के कगार पर है. या यूं कहें कि मिट्टी की चाक पर बर्तन, दीये व खिलौने बनाने के काम से अब घर का चूल्हा जलना काफी मुश्किल हो गया है. प्राय: सभी कुम्हार जाति के लोग आर्थिक तंगी से जूझने को मजबूर हैं. डोमकट्टा गांव के भाजू पंडित ने बताया कि वे आज भी गांव में पुश्तैनी धंधा से ही जुड़े हुए हैं. पहले हमारे पूर्वज इस धंधा से ही घर-परिवार का सारा खर्च वहन कर लेते थे. लेकिन बढ़ती महंगाई व मिट्टी निर्मित बर्तन व दीये की घटती डिमांड के कारण वे काफी कठिनाईयों से जूझने को विवश हैं.
दिव्यांग छात्र मुन्ना पंडित ने बताया कि वह खुद बीए पार्ट-टू में पढ़ाई करते हुए बच्चों को भी पढ़ा कर अपना जीवन यापन कर रहा है. बचे समय में वह चाक चला कर मिट्टी के बर्तन, दीया व खिलौने बनाता है. लेकिन इस पुश्तैनी धंधा से अब निराशा मात्र ही हाथ लग रही है. मेहनत के मुताबिक बाजार में मिट्टी के उत्पादों का दाम नहीं मिल पाता. ज्ञात हो कि डोमट्टा गांव के हर घर में चाक चलता है.
जिस पर मिट्टी के बर्तन, खिलौने, चाय का भांड़, डिबिया आदि बनाने का काम होता है. जिसमें महिलाओं का भी भरपूर सहयोग मिलता है. गांव के बालकिशोर पंडित, भाजू पंडित, पलटन पंडित, प्रदीप पंडित, नरेश पंडित, अर्जुन पंडित, मुन्ना पंडित, सीताराम पंडित, टीपण पंडित, नकुल पंडित, रामदेव पंडित, बद्री पंडित, मीरा देवी, गुडि़या देवी, मलकिनियां देवी, चंचला देवी, फूलकुमारी देवी आदि ने कहा कि हमारी आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में जिला प्रशासन को भी पहल करनी चाहिये.
प्रभात अपील
दीपावली के त्योहार में अपने घरों को मिट्टी के दीपक से ही घर-आंगन को रौशन करें. ताकि मिट्टी के बर्तन, दीपक व खिलौने तैयार करने के परंपरागत व पुश्तैनी धंधा से जुड़े लोगों के घर भी दीपावली मनायी जा सके. हरसभंव विदेशी दीये व इलेक्ट्रॉनिक लाइट की जगह देशी उत्पादों से ही दीवाली मनायें. गरीबों का दिल नहीं जलायें, मिट्टी के दीपक जलायें.
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