औरंगाबाद सदर : विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर बुधवार 31 मई को शहर के सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. साथ ही प्रशासनिक स्तर पर भी इस कार्यक्रम को मनाया गया. लेकिन, तीन दिन बाद भी शहर के सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू बेचने और खाने का सिलसिला जारी है.
इसे देखकर यह साफ जाहिर होता है कि तंबाकू निषेध पर सारे कार्यक्रम बेअसर साबित हुए हैं. शहर की हृदय स्थली रमेश चौक समेत सभी सार्वजनिक स्थानों पर खुलेआम गुटखे व तंबाकू की दुकाने चल रही हैं. रमेश चौक गोलंबर के आसपास लगभग डेढ़ दर्जन तंबाकू की दुकानें हैं,जहां खुलेआम गुटखा और तंबाकू के लतर लटके दिखते हैं. यहां हर वक्त पुलिस का पहरा भी रहता है, फिर भी सार्वजनिक स्थलों पर खुलेआम इसका सेवन हो रहा है और इसे धड़ल्ले से बेचा भी जा रहा है. ताज्जुब तो यह है कि एक तरफ विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर इसके विक्रय और सेवन न करने का लोग संकल्प ले रहे है और दूसरी तरफ शहर में हर तरफ गुटखे और तंबाकू बिक रहे है.
नियम की उड़ रहीं धज्जियां : विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर जिलाधिकारी कंवल तनुज ने 29 मई को जारी आदेश में कहा था कि एक जून से जिले में तंबाकू का विक्रय नहीं किया जायेगा, लेकिन इस आदेश का कोई असर नहीं दिख रहा. इसके अलावे तंबाकू विक्रेता कोटपा अधीनियम का भी मजाक बना रहे है. जबकि इस अधिनियम के तहत सिगरेट व अन्य तंबाकू पदार्थ का सार्वजनिक स्थल पर बेचे जाने पर कार्रवाई का प्रावधान है. लेकिन नियम तो बनते ही है टूटने के लिए के तर्ज पर तंबाकू व संबंधित पदार्थ बेचे जा रहे है. और प्रशासन की ओर से भी कोई दखल नहीं दी जा रही .