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नियमों को ताक पर रख चल रहीं बसें
औरंगाबाद नगर : जिले में यात्री बसों का परिचालन नियम कानून को ताक पर रखकर किया जा रहा है. इसके बावजूद विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि हरनौत में बस में आग लगने से हुई आठ लोगो की मौत के बाद भी जिले के जिम्मेवार पदाधिकारी […]
औरंगाबाद नगर : जिले में यात्री बसों का परिचालन नियम कानून को ताक पर रखकर किया जा रहा है. इसके बावजूद विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि हरनौत में बस में आग लगने से हुई आठ लोगो की मौत के बाद भी जिले के जिम्मेवार पदाधिकारी सीख नहीं ले रहे है और बिना जांच पड़ताल किये ही वाहनो को सड़क पर चलने दे रहे हैं.
जिले की स्थिति यह है कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट व सुरक्षा संसाधनों के ही यात्री बसें सड़कों पर दौड़ती नजर आ रही हैं. इससे हर रोज यात्रा करनेवाले हजारों यात्रियों की जिदंगी भगवान भरोसे रहती है. अधिकतर वाहनों में नियमों की अनदेखी हो रही है. कई वाहन ऐसे भी सड़क पर दौड़ रहे हैं, जिनके पास न तो फिटनेस सर्टिफिकेट है और न ही बीमा. लगन के समय में पैसे कमाने की होड़ में खटारा बसों को सड़क पर सरपट दौड़ा रहे हैं, जिससे जान का खतरा हमेशा बना हुआ रहता है. यहां तक कि जिले में चलनेवाली अधिकांश बसों में आपातकालीन खिड़की भी नहीं है. वहीं, बसों में अागजनी से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र भी नहीं लगाये गये हैं. यहां तक कि बसों में फर्स्ट एड बॉक्स तक नहीं होते. यहां तक कि शादी विवाह में पैसे कमाने के लिए वाहन मालिक से लेकर स्कूल संचालक तक अपने बसों को किराये पर भेज दे रहे हैं.
चार-पांच दिन पूर्व शहर के कामा बिगहा मोड़ के समीप बारातियों से भरी स्कूल बस में ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी थी, जिसमें छह लोगों की मौत घटनास्थल पर हो गयी थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए थे. सबसे बड़ी बात यह है कि यात्री बसों में यात्रा करनेवाली महिलाओं के लिए रिजर्व सीट देने का नियम है, लेकिन बस संचालको द्वारा इसका पालन नहीं किया जाता है .
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