तेज धूप ने मुश्किल कर दिया घर से निकलना
Advertisement
अप्रैल के पहले हफ्ते में ही गरमी ने किया बेहाल
तेज धूप ने मुश्किल कर दिया घर से निकलना बाजार में निकलने के लिए लोग कर रहे शाम होने का इंतजार अगले एक सप्ताह तक मौसम के मिजाज में तब्दीली की उम्मीद नहीं औरंगाबाद सदर : उफ ये गरमी, हाय ये गरमी. गरमी से परेशान और बेहाल लोगों का दिन कुछ ऐसा ही कहते गुजर […]
बाजार में निकलने के लिए लोग कर रहे शाम होने का इंतजार
अगले एक सप्ताह तक मौसम के मिजाज में तब्दीली की उम्मीद नहीं
औरंगाबाद सदर : उफ ये गरमी, हाय ये गरमी. गरमी से परेशान और बेहाल लोगों का दिन कुछ ऐसा ही कहते गुजर रहा है. गरमी का प्रहार भयानक रूप से पड़ने लगा है. ऐसा लग रहा है कि सूर्य अपनी सारी ऊर्जा इसी गरमी खर्च कर देने के मूड में आ गये हैं. पिछले एक सप्ताह के दौरान सूर्योदय का वक्त दोपहर का अहसास दिलाता रहा है.
साथ ही इस बेदर्द गरमी में चल रही गरम हवा मानो, जैसे अपने साथ भट्ठी लेकर घुम रही है. कुल मिला कर गरमी से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और लोगों के रहन-सहन व दिनचर्या का समय भी गड़बड़ाने लगा है. सुबह 10 बजे के बाद सड़क पर निकलने पर तेज धूप का अहसास लोगों को बेचैन कर रहा है. शनिवार को औरंगाबाद का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं, न्यूनतम तापमान लगभग 26 से 28 डिग्री बताया जा रहा है.
कृषि विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार अगले एक सप्ताह तक मौसम में कोई परिवर्तन होने के आसार नहीं दिख रहे हैं. धूप की वजह से प्रचंड गरमी पड़ेगी और अगले दो-तीन दिनों में 42 डिग्री से ऊपर का तापमान भी रिकार्ड किया जा सकता है. गरमी बढ़ते ही बाजार में फ्रीज, कूलर, एसपी व पंखे की दुकानों पर भीड़ जुटने लगी है.
नगर पर्षद के चुनाव प्रचार में हो रही परेशानी
नगर पर्षद चुनाव की घोषणा के बाद प्रत्याशी चुनाव प्रचार में बड़े जोर-शोर से लग गये हैं, पर यह गरमी प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के दौरान परेशानी उत्पन्न कर रही है. लोग थक-हार कर 12 बजे तक अपने घर लौट आ रहे हैं और यही कहते पाये जा रहे हैं कि वे घर-घर घुमने के बाद चुनाव की रणनीति बनाने में जुटे हैं, लेकिन बात यहां दूसरी है. तेज धूप के कारण प्रत्याशी भी दोपहर में चुनाव प्रचार नहीं करना चाह रहे हैं, इसलिए वे 12 बजते ही घर में दुबक जाते हैं.
डाब, खरबूज, बेल व खीरे की बढ़ी मांग
गरमी शुरू होते ही लोगों के आहार में भी परिवर्तन आने लगा है. अब लोगों में फलों व ठंडे पेय पदार्थों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है. सूखते हलक को तर करने के लिए तरबूज, डाब, खीरा, बेल आदि की मांग बढ़ने लगी है. शहर में सड़क किनारे जगह-जगह डाब व खीरे, तरबुज के स्टॉल लगे हैं. इसके अलावे आम के शरबत, गन्ने का जूस, नींबू पानी, सत्तू व पेय पदार्थ भी बिक रहे हैं. दूसरी तरफ गरमी शुरू होते ही कोल्ड ड्रिंक्स की डिमांड भी बढ़ गयी है.
बिजली के नखरे शुरू, पावर कट से लोग परेशान
एक तो गरमी के मार से लोगों का बुरा हाल है और दूसरी तरफ गरम मौसम के शुरुआत के साथ ही बिजली गुल रहने लगी है. शहर में बार-बार बिजली कटने के कारण घर व दफ्तर में बैठे लोगों का पसीना छूट रहा है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लो वोल्टेज व पावर कट की समस्या शुरू हो गयी है.
तेज धूप और लू के थपेड़ों से वीरान पड़ी सड़कें
आसमान से बरस रही आग, तेज धूप व गरम हवा के कारण दोपहर के वक्त लोग सड़क पर निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. दोपहर 11 बजे से लेकर तीन बजे तक मानो सूर्यदेव आग का गोला बरसा रहे हैं. इसके कारण लोग घर में ही दुबकने को विवश हो गये हैं. वहीं लू के थपेड़ों के कारण भी सड़क वीरान पड़ जा रही है. लोग अपने काम सुबह सबेरे 10 बजे तक ही निबटा लेना बेहतर समझ रहे हैं. लोगों का यह भी कहना है कि गरमी को देखते हुए सरकारी, गैर सरकारी संस्थान व कार्यालय और स्कूल के समय भी परिवर्तन कर दिये जाने चाहिए.
स्कूल से लौटने में बच्चों को हो रही परेशानी
दिनोंदिन बढ़ती गरमी के कारण स्कूली बच्चों को दोपहर में स्कूल की छुट्टी के बाद घर आने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वीरान सड़क पर दोपहर में स्कूल छुट्टी के बाद बस व अन्य संसाधनों के जरिये सड़क से गुजरते बच्चों का घर आते-आते बुरा हाल हो जा रहा है. अभिभावकों का कहना है कि अब गरमी बढ़ती जा रही है, जिसे देखते हुए स्कूलो को चाहिए कि समय पर सिलेबस पूरा कर बच्चों को लंबी गरमी की छुट्टी दे देनी चाहिए. इससे बच्चों की सेहत प्रभावित नहीं होगी. बच्चे अगर स्वस्थ रहेंगे, तो पढ़ाई भी चलते रहेगी.
प्याऊ की जरूरत महसूस करने लगे राहगीर
पिछली गरमी में अप्रैल माह से ही चौक-चौराहों पर प्याऊ की व्यवस्था कर दी गयी थी, पर इस बार लोग इस कार्य में देर कर रहे हैं. काम के फिराक में सड़क पर धूल फांकनेवाले और रोजमर्रा व रोजी-रोटी के लिए दोपहर में सड़क पर रहनेवाले लोगों को अब प्याऊ की आवश्यकता पड़ने लगी है. हर लोग सामर्थ्य नहीं कि बोतलबंद ठंडा पानी खरीद कर पी सकें. ऐसे में समाजसेवी व जिला प्रशासन को गरमी को देखते हुए प्याऊ की व्यवस्था उपलब्ध करा देनी चाहिए. ताकि प्यास से लोगों का हलक न सूखे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement