चुनाव से पहले काम निबटाने के लिए फटाफट जारी किये जा रहे टेंडर
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पुरानी नालियाें को भूल गयी नप
चुनाव से पहले काम निबटाने के लिए फटाफट जारी किये जा रहे टेंडर औरंगाबाद सदर : शहर में कई जगहों पर सड़कों के साथ नालियां बनायी जा रही हैं. नगर पर्षद चुनाव से पहले आधे-अधूरे कार्यों को पूरा करने की फिराक में काम तेजी से निबटाये जा रहे हैं. वर्षों से लंबित कामों का टेंडर […]
औरंगाबाद सदर : शहर में कई जगहों पर सड़कों के साथ नालियां बनायी जा रही हैं. नगर पर्षद चुनाव से पहले आधे-अधूरे कार्यों को पूरा करने की फिराक में काम तेजी से निबटाये जा रहे हैं. वर्षों से लंबित कामों का टेंडर करा कर फटाफट उसे पूरा किया जा रहा है. दूसरी ओर शहर की ध्वस्त हो चुकी नालियों पर नगर पर्षद (नप) का ध्यान नहीं है. नाली के नाम पर शहर के आधे दर्जन जगहों पर ब्लैक हॉल हो चुका है. जिस वक्त इन नालियों का निर्माण कराया गया,
उस वक्त विभागीय अधिकारियों ने दावा किया था कि बनने के 20 साल बाद तक इन नालियों काे कुछ नहीं होगा. सारे दावे फेल हो गये. मुख्य सड़क सहित कई जगहों की नालियां ध्वस्त हो गयी हैं. अब वह दुर्घटनाओं का कारण भी बन रही हैं. हालांकि ध्वस्त नालियों के सिलसिले में नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा था कि इंजीनियर द्वारा ऐसे जगहों को चिन्हित कराया जा रहा है. जहां से भी कोई सूचना मिलती है, तो उस पर तुरंत काम किया जायेगा. सच्चाई यह है कि इस पर कोई काम नहीं किया गया है.
बरसात में खुली थी पोल
शहर में पूर्व से हुए नालियों के निर्माण पर नगर पर्षद को जितना भरोसा था वह पिछले बरसात में धुल गया. नाली बनने के बाद पहली बरसात में ही नालियों की पोल खुल गयी. शहर के वार्ड दो, पांच, छह, नौ, 10,11,16,19,30 आदि वार्डों की नालियां कई जगह या तो टूट गयीं या फिर गंदगी से बजबजाती नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा था. सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर नाली ओवरफ्लो बहती रहती है. फुटपाथ पर बनी नालियों की सफाई समय पर नहीं होने के कारण इसका पानी सड़क पर बहता है. शहर के रमेश चौक, बाइपास ओवरब्रिज सहित आधे दर्जन जगहों पर कहीं नाली का स्लैब टूट चुका है, तो कहीं पूरी की पूरी नाली ध्वस्त हो गयी है. जिस पर नगर पर्षद का ध्यान नहीं जा रहा.
तीन तरह से हो रहा निर्माण
शहर में नाली निर्माण के नाम पर तीन तरह की इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है. पहली, तो सड़क से एक फुट से भी अधिक ऊंची नाली बनायी जा रही है, दूसरी सीधे ऊपर से ढलाई की जा रही है और उस पर स्लैब डाला जा रहा है व तीसरा बिल्कुल सड़क के लेबल में नालियां बनायी जा रही हैं. इस तरह के कार्य से लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा कि यह किस तरह की इंजीनियरिंग शहर में चल रही है. कहीं ऐसा, तो नहीं कि नगर पर्षद चुनाव के बाद नये बोर्ड के गठन होने पर वर्तमान बोर्ड की तरह हुए कार्यों पर ही कार्य आवंटित करने की योजना बना रही है.
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