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बैडमिंटन में पिछड़ रहे आर्थिक तौर पर कमजोर खिलाड़ी
इनडोर स्टेडियम में अभ्यास के लिए नहीं मिल पाता है मौका महंगा रजिस्ट्रेशन शुल्क प्रतिभाओं के विकास में बन रहा बाधक औरंगाबाद सदर : अक्सर सड़कों पर बैडमिंटन खेलते युवा दिख जाते है. इनमें कुछ ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी होते हैं, जो अच्छा प्रदर्शन करते नजर आते हैं. पर सच ये है कि ऐसे युवा जो […]
इनडोर स्टेडियम में अभ्यास के लिए नहीं मिल पाता है मौका
महंगा रजिस्ट्रेशन शुल्क प्रतिभाओं के विकास में बन रहा बाधक
औरंगाबाद सदर : अक्सर सड़कों पर बैडमिंटन खेलते युवा दिख जाते है. इनमें कुछ ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी होते हैं, जो अच्छा प्रदर्शन करते नजर आते हैं. पर सच ये है कि ऐसे युवा जो सड़कों पर बैडमिंटन का अभ्यास कर रहे होते हैं, वे महाभारत के गुरु द्रोण के शिष्य एकलव्य की तरह होते हैं, जिन्हें प्रशिक्षण से वंचित रखने का काम किया जा रहा है.
कुशल खिलाड़ी होने के बाद भी अभ्यास के लिए कोई जगह नहीं मिलने के कारण ऐसे युवाओं की प्रतिभा का दम घुट रहा है. बैडमिंटन स्पर्धा में शामिल होनेवाले खिलाड़ी को इनडोर स्टेडियम में खेलने व अभ्यास का मौका नहीं उपलब्ध होने के कारण इनकी प्रतिभा दबी रह जा रही है. शहर के कुछ खिलाड़ियों की ऐसी शिकायत है कि बैडमिंटन एसोसिएशन की रजिस्ट्रेशन फी और मासिक शुल्क अधिक होने के कारण उसका वहन सभी खिलाड़ी नहीं कर पाते. एक गरीब परिवार से आनेवाले खिलाड़ी के लिए एसोसिएशन द्वारा तय फी का भुगतान करने की क्षमता नहीं होती है. यहां अभ्यास के लिए आनेवाले हाइ सोसाइटी के लोगों के सामने एक गरीब खिलाड़ी की नहीं चलती. ऐसे में एसोसिएशन के सख्त नियम और शर्त का पालन करना सभी के लिए मुश्किल हो रहा है.
इंट्री फी और मासिक शुल्क पड़ रहा भारी
पिछले 20-25 वर्षों से जिले में चल रहा बैडमिंटन एसोसिएशन के सीनियर वर्ग की रजिस्ट्रेशन फी दो हजार रुपये तय है और मासिक शुल्क तीन सौ रुपये है. इसके अलावे जूनियर वर्ग के लिए रजिस्ट्रेशन फी 500 रुपये व मासिक शुल्क 150 रुपये निर्धारित है. गरीब परिवार से आनेवाले खिलाड़ी मासिक शुल्क का वहन तो किसी तरह कर लें, पर रजिस्ट्रेशन फी देने में वे असमर्थता जाहिर करते हैं. रजिस्ट्रेशन फी के साथ एक शर्त और भी लागू है. अगर कोई खिलाड़ी किसी कारण से एक महीने तक इनडोर स्टेडियम नहीं आ पाता है, तो उस स्थिति में उसका रजिस्ट्रेशन समाप्त हो जायेगा. ऐसे में खिलाड़ियों के लिए ये सख्त नियम खेल में बाधा बन रहा है.
क्या कहते हैं एसोसिएशन के सचिव
इस संबंध में बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव मरगूब आलम से बात की गयी, तो उन्होंने बताया कि गरीब लड़कों को खेलने का मौका दिया जाता है और उनकी फी भी माफ कर दी जाती है, पर संगठन चलाने के लिए जो कुछ शुल्क निर्धारित किये गये हैं, उसी से सारा खेल व परिसर के मेटेंनेस होता है. ऐसे में खेल के साथ-साथ रजिस्ट्रेशन फी और मासिक शुल्क भी जरूरी है. समय-समय पर बाहर से कोच मंगा कर भी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिलाया जाता है. संघ की पूरी कोशिश रहती है कि हर प्रतिभावान खिलाड़ी को मौका मिल सके.
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