कड़ाके की ठंड में सुबह में ही स्कूल जाने को मजबूर बच्चे
Advertisement
निजी स्कूलों पर बेअसर साबित हो रहा प्रशासन का आदेश
कड़ाके की ठंड में सुबह में ही स्कूल जाने को मजबूर बच्चे औरंगाबाद शहर : कंपकंपाती ठंड से आम जन जीवन ठहर सा गया है. आम इंसान क्या जानवरो की चहलकदमी भी रूक सी गयी है. हर कोई ठंड से जान बचाने की जदोजहद में लगा हुआ है. कोई ऊनी कपड़े में अपने दिनचर्या को […]
औरंगाबाद शहर : कंपकंपाती ठंड से आम जन जीवन ठहर सा गया है. आम इंसान क्या जानवरो की चहलकदमी भी रूक सी गयी है. हर कोई ठंड से जान बचाने की जदोजहद में लगा हुआ है. कोई ऊनी कपड़े में अपने दिनचर्या को बनाये रखा है, तो कोई अलाव तापकर ठंड भगाने में लगा है. इस बीच संस्कार और संस्कृति को बचाना भी है. सवाल यह उठता है
कि संस्कार और संस्कृति को बचाने में मासूमों को ही हम आगे क्यों करते है. अभी जिला प्रशासन के निर्देश पर विद्यालयों के समय में थोड़ा फेरबदल किया गया है, लेकिन इस फेरबदल का असर प्राइवेट विद्यालयों पर पड़ता नहीं दिख रहा है. यही कारण है कि पौ फटते ही बच्चे स्कूल जाने की तैयारी में लग जाते है और रवाना भी हो जाते हैं. सोमवार की सुबह 11 बजे तक कड़ाके की ठंड का अहसास हर किसी को हुआ. 18 डिग्री तापमान ने सबको हिला कर रख दिया,
लेकिन इसका असर शहर में ही संचालित गोल्डेन पब्लिक स्कूल पर देखने को नहीं मिला. सुबह-सुबह विद्यालय के बच्चे कड़ी ठंड में संस्कार और संस्कृति को बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए थे. पता चला कि प्रार्थना की परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसे छूटना नहीं चाहिए. सैकड़ों बच्चे प्रार्थना की कतार में लगे थे और शिक्षक हाथ में अखबार लिए परंपरा को बचाने के लिए बच्चों का साथ दे रहे थे. जब मीडिया कर्मियों ने कुछ शिक्षकों व बच्चों से पूछने का प्रयास किया, तो कोई जवाब नहीं मिला.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement