भ्रष्टाचार. तीन सदस्यीय टीम ने की थी आरोपों की जांच
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प्रदीप की शिकायत पर गयी मुख्य पार्षद की कुरसी
भ्रष्टाचार. तीन सदस्यीय टीम ने की थी आरोपों की जांच औरंगाबाद कार्यालय : नगर पंचायत नवीनगर के मुख्य पार्षद राधा सिंह को पदमुक्त किये जाने से संबंधित जो आरोप लगे है. ये सभी आरोप नगर पंचायत नवीनगर के ही वार्ड 12 के पार्षद प्रदीप कुमार सिंह द्वारा लगाये गये थे. इन आरोपों से संबंधित जांच […]
औरंगाबाद कार्यालय : नगर पंचायत नवीनगर के मुख्य पार्षद राधा सिंह को पदमुक्त किये जाने से संबंधित जो आरोप लगे है. ये सभी आरोप नगर पंचायत नवीनगर के ही वार्ड 12 के पार्षद प्रदीप कुमार सिंह द्वारा लगाये गये थे. इन आरोपों से संबंधित जांच जिलापदाधिकारी कंवल तनुज ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर करायी थी.जिलाधिकारी के आदेश पर एक प्राथमिकी भी नवीनगर थाना में दर्ज किया था. डीएम ने जांच रिपोर्ट सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग को भेज दी थी. उसी वक्त से यह कयास लगाया जा रहा था कि नवीनगर नगर पंचायत के मुख्य पार्षद के ऊपर कार्रवाइ की गाज गिर सकती है. लगभग दस माह बाद नगर विकास विभाग ने मुख्य पार्षद के ऊपर कार्रवाई करते हुए उन्हें पद मुक्त कर दिया है.
क्या लगे थे आरोप : ये आरोप इस प्रकार है. सरकार के द्वारा मलीन बस्ती के अंतर्गत शहरी गरीबों के लिये आवास बनाने हेतु 49 करोड़ की राशि आवंटित की गयी. जिसके अंतर्गत नगर पंचायत नवीनगर के भीतर निवास करने वाले गरीब लोगों को आवास बनाना था,परंतु अध्यक्ष कार्यपालक पदाधिकारी के मिलीभगत से आवंटित राशि का दुरूपयोग करते हुए नवीनगर प्रखंड के रामपुर पंचायत के सिंदुरिया गांव में कई लोगों को आवास का पैसा दे दिया. आरोप नंबर चार नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा अपने निजी आवास में नगरपालिका निधि का दुरूपयोग करते हुए 70 गुणे 70 फीट में ढलाई करायी गयी है जो पद का दुरुपयोग है. आरोप नंबर पांच बिहार नगरपालिका अधिनियम 2006 के धारा 60,61 एवं 62 के अंतर्गत नगरपालिका के बैठक एवं उसके प्रस्ताव को तैयार करना ,सुरक्षित रखना,सदस्यों के बीच वितरित करना एवं सरकार को सूचित करना है. लेकिन अध्यक्ष द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी के मिलीभगत से बैठक में लिये गये प्रस्ताव को बदल दिया जाता है.इन पर यह भी आरोप है कि कार्यपालक पदाधिकारी के मिलीभगत से बिना सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों को जानकारी दिये प्रस्ताव तैयार किये जाते है और उस पर उनके पति और पुत्र का जाली हस्ताक्षर होता है, नगर पंचायत के अध्यक्ष द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी के सहयोग से नगर पालिका की राशि का भारी लूट एवं बंदरबांट किया जाता है,नगर पालिका अध्यक्ष को महिला होने के कारण नगरपालिका के सारी गतिविधियों का संचालन उनके बेटे मुकेश कुमार सिंह द्वारा किया जाता है,सरकारी नियमो के अनुसार साढे सात लाख रूपये से ऊपर के काम के निविदा निकाली जाती है और इससे कम के राशि के काम विभागीय स्तर पर ही कराया जा सकता है,लेकिन बड़े काम को कई भागो में बांट कर अध्यक्ष के पुत्र व पति द्वारा ठेकेदारी के रूप में किया जाता है,जिससे कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं होती.
इससे सरकारी राशि का दुरूपयोग भी होता है और गबन का भी मामला बनता है.
नगर पंचायत में अब तक की बड़ी कार्रवाई : नगर पंचायत नवीनगर के मुख्य पार्षद राधा सिंह को मुक्त किया जाना अभी तक की एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. औरंगाबाद में पहली बार किसी नगरपंचायत के अध्यक्ष को भ्रष्टाचार के आरोप में पदमुक्त किया गया है. वह भी जिलापदाधिकारी के द्वारा गठित की गयी जांच प्रतिवेदन पर.
निजी आवास पर सरकारी निधि से निर्माण का लगा था आरोप
गरीबों के लिए आवास योजना में भी धांधली
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