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शादीवाले घरों में चेक का सहारा
बैंकों के सामने सुबह होते ही लग रही हैं कतारें फिर भी फैसले से हैं लोगों को उम्मीदें औरंगाबाद शहर : ला धन पर पीएम नरेंद्र मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जिले में अफरातफरी का माहौल है. बैंकों व एटीएम के बाहर प्रतिदिन दिख रही सैकड़ों की कतार यह बता रही है कि अफरातफरी […]
बैंकों के सामने सुबह होते ही लग रही हैं कतारें
फिर भी फैसले से हैं लोगों को उम्मीदें
औरंगाबाद शहर : ला धन पर पीएम नरेंद्र मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जिले में अफरातफरी का माहौल है. बैंकों व एटीएम के बाहर प्रतिदिन दिख रही सैकड़ों की कतार यह बता रही है कि अफरातफरी का माहौल किस कदर है.
हालांकि, अब माहौल में बदलाव होता दिख रहा है. सबसे अधिक परेशानी व नुकसान उन व्यवसायियों को हुआ है, जिनके प्रतिष्ठानों में कल तक खरीदारों की भीड़ लगी रहती थी. शहर के एक नामी प्रतिष्ठान के मालिक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें प्रतिदिन हजारों का नुकसान झेलना पड़ रहा है. ग्राहक तो आते हैं, लेकिन सभी के पास हजार और पांच सौ के नोट होते हैं. ग्राहकों को सामान देकर उनके पैसे को बैंक से बदलवाना मुश्किलों का सौदा है. औरंगाबाद शहर के किराना व्यवसायी संजय गुप्ता बताते हैं कि जब ग्राहकों का जेब ही खाली है, तो दुकान में सामान खरीदने ग्राहक कैसे पहुंचेंगे.
इधर, दो दिन से कुछ हद तक सुधार हुआ है. औरंगाबाद शहर के ही मिठाई दुकान के मालिक संजीव सिंह बताते हैं कि हजार व पांच सौ के नोट बंद किये जाने के बाद दुकान में मिठाई खरीदने काफी लोग पहुंचे, लेकिन सभी के हाथ में बंद बड़े नोट थे. कई लोगों का पैसा लिया और उन्हें सामान भी दिया गया, लेकिन बिक्री काफी हद तक प्रभावित हुई. शहर में कई बड़े व्यवसायी हैं, जिनका व्यवसाय प्रभावित हुआ. इसी तरह दाउदनगर, ओबरा, हसपुरा, बारुण, नवीनगर सहित सभी प्रखंडों की स्थिति एक जैसी ही है. इधर, हजार व पांच सौ रुपये का नोट बदलने एवं बैंक खाते में जमा करने व निकासी के लिए बैंकों में काफी भीड़ उमड़ी हुई है. लाइन में लगे लोगों की अपनी-अपनी मजबूरियां हैं. किसी को रोजमर्रा के खर्चे के लिए रुपये चाहिए, तो किसी के घर में शादी-विवाह है.
हर किसी की अपनी -अपनी जरूरते हैं और वे लोग पसीने से लथपथ होकर भी लाइन में खड़े होकर नोट बदलवाने को बेताब हैं. हजार व पांच सौ के नोट बंद होने के बाद रसोई भी प्रभावित है. कल तक अपने मनमर्जी से रसोई का लोग आनंद उठा रहे थे. लेकिन अब पहले नोट बदलवाने व खाते में जमा कराने की चिंता है. गृहणियों की चिंता घर में रसोईघर संभालने की भी है. औरंगाबाद, दाउदनगर व बारुण के कुछ लोगों से बात की गयी, तो उनकी चिंता स्पष्ट दिखाई दी. मगर केंद्र सरकार के इस फैसले से सभी खुश दिखे.
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