औरंगाबाद (कोर्ट) : तमाम कोशिश के बावजूद सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. जिला प्रशासन ने तमाम प्रयास बेकार साबित हो रहे हैं. हर कोशिश के बावजूद हर विभाग में बिचौलिये सक्रिय हैं. इसका एक उदाहरण रमेश चौक के पास स्थित रेलवे आरक्षण काउंटर है. यहां बिचौलिये कुछ इस कदर हावी हैं कि पहले वह तत्काल टिकट को बुक करा लेते हैं और फिर जब यात्रियों को टिकट नहीं मिल पाता है तो उन्हें अपना टिकट बेच देते हैं.
दरअसल, बिचौलिये काउंटर के खुलने से पहले से ही यात्री बन कर कतार में आगे खड़े हो जाते हैं व विभिन्न ट्रेनों के मिलने वाले तत्काल टिकट को बुक करा लेते हैं. इसके कारण जो यात्री टिकट के लिए कतार में पीछे खड़े रहते हैं, उन्हें टिकट नहीं मिल पाता है.
मिलीभगत से होता है खेल
टिकटों की कालाबाजारी का यह खेल रेलवे आरक्षण काउंटर के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना अंसभव है. बिचौलिये व कर्मियों के बीच सांठ-गांठ का पता इसी से चलता है कि सही यात्रियों को काउंटर पर पहुंचते-पहुंचते तत्काल टिकट बुकिंग का समय समाप्त हो ही जाता है. यदि समय बच भी गया तो सर्बर लो या अन्य तकनीकी खराबी बता दी जाती है. इसके बाद बिचौलिये अपना काम शुरू कर देते हैं. अभी कई ऐसे बिचौलिये हैं जो प्रतिदिन टिकट लेने के लिए कतार में आगे ही खड़े रहते हैं. उन पर कर्मियों की नजर अवश्य प्रति पड़ती होगी. लेकिन, उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.