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बटाने नदी पुल के तीन पाये बहे, पूर्वी क्षेत्र का आवागमन बाधित

कुटुंबा व देव प्रखंड के सैकड़ों गांवों का आवागमन बाधित कुटुंबा : प्रखंड क्षेत्र व सीमावर्ती झारखंड प्रदेश में सोमवार की सुबह भारी बारिश होने से कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही […]

कुटुंबा व देव प्रखंड के सैकड़ों गांवों का आवागमन बाधित
कुटुंबा : प्रखंड क्षेत्र व सीमावर्ती झारखंड प्रदेश में सोमवार की सुबह भारी बारिश होने से कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही है. दक्षिणी क्षेत्र के संडा से होकर बालूगंज जाने वाली सड़क में बटाने नदी पर बने पुल के तीन खंभे सोमवार को नदी की तेज धार में बह गये व पुल की प्लेट दब कर नीचे चली गयी. इससे कुटुंबा और देव प्रखंड के सैकड़ों गांव के लोगों का आवागमन फिर से एक बार मुश्किल हो गया. पिछले वर्ष की बाढ़ में एक पाया धंसने और हाइवा से पुल टूटने के बाद ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी.
बाद में विधानसभा चुनाव के समय डायवर्सन बनाया गया था, वह भी बरसात के पहले पानी से बह गया. इसके बाद स्थानीय विधायक राजेश कुमार ने हाल में टूटे पुल की मरम्मत कराकर फिलहाल आवागमन बहाल कराया था. पुल के तीन पाये एक साथ बह जाने के बाद अब यह मरम्मत के लायक भी नहीं रह गया है. इधर, अंबा-नवीनगर पथ के चिल्हकी मोड़ के समीप सड़क पर काफी पानी बह रहा है. देव रोड में थाने के समीप बटाने नदी के काउजवे पर तीन फीट से ऊपर पानी बह रहा है. ऐसी स्थिति में अंबा से होकर देव रोड तरफ के गांव में जाने वाले लोगों को वैकल्पिक रास्ता तलाशना पड़ रहा है.
स्थानीय बीडीओ मनोज कुमार, सीओ ठुइंया उरांव, रिसियप थानाध्यक्ष प्रवीर कुमार, कुटुंबा थानाध्यक्ष सुभाष राय ने नदी किनारे एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को हिदायत दी है. अधिकारियों ने सोमवार को बाढ़ क्षेत्रों में भ्रमण कर इसका जायजा लिया और लोगों को सचेत किया.
उफान पर है सभी नदियां, डूबी है धान की फसल : प्रखंड क्षेत्र के बतरे बटाने, पंछहिया एवं रमरेखा नदी समेत सभी नाले उफान पर हैं. बटाने में बाढ़ आने से दसौती, करकटा, खैरा, सिमरा आदि गांवों का रास्ता बंद हो गया है. इधर, मुड़िला, दधपा, सुही, कुटुंबा, गोवास, देवरिया, चिंतावन बिगहा आदि गांवों में लगी सैकड़ों एकड़ धान की फसल के उपर-उपर बाढ़ का पानी बह रहा है. वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कुटुंबा थाना क्षेत्र के खैरा निवासी अशोक कुमार सिंह, सूही के पंचम पांडेय का मकान ध्वस्त कर गया है. लोग खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं.
इस वर्ष बाढ़ से गयी दो की जान : इस वर्ष के वर्षा और बाढ़ के पानी से अब तक दो की जान चली गयी है और दर्जनों खपड़ैल मकान ध्वस्त हुए हैं. जानकारी के अनुसार 23 जुलाई को अंबा थाना के जीवा बिगहा निवासी मो हनान की मौत नदी में डूबने से हुई थी. इधर 19 अगस्त को अंबा थाना क्षेत्र के डुमरा निवासी परमहंस सिंह बटाने नदी में दोमुहान के समीप बह गये. जिनका आज तक कुछ पता नहीं चला.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र सिरिस के समन्वयक एवं इंजीनियर रविरंजन ने बताया कि बुधवार तक लगातार बारिश होने की संभावना है. मंगलवार को सबसे अधिक वर्षा होगी. अधिकारियों ने यह जानकारी सोलर वेदर स्टेशन के सिस्टम के आधार पर दी है.
सीमेंट कंपनी के कर्मियाें ने खुद को कमरे में बंद कर बचायी जान
200 से 300 के बीच थी उपद्रवियों की संख्या
घायल कर्मचारियों का हाे रहा अलग-अलग अस्पतालों में इलाज
प्रतिनिधि4औरंगाबाद शहर
श्रीसीमेंट प्लांट में एक मजदूर की मौत को लेकर ट्रक चालक जिस तरह तोड़फोड़ की कार्रवाई कर रहे थे, अगर पुलिस मौके पर पहुंच कर उन्हे काबू नहीं करती तो श्रीसीमेंट उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता था. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रक चालकों व सह चालकों की संख्या 200 से 300 के करीब थी. सभी अपने हाथों में लोहे का रड और लाठी लिये हुए थे और इनके आक्रोश के सामने जो भी दिखाई पड़ता था उस पर वे टूट पड़ते थे.
सीमेंट प्लांट में तोड़फोड़ करते हुए आक्रोशित प्लांट के हॉस्टल तक पहुंच गये. हॉस्टल में सुबह -सुबह दर्जनों कर्मचारी सो कर उठे ही थे,कि अचानक हमला बोल दिया गया. उनके कमरो में रखे महंगे समानों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और उनकी पिटाई भी हुई. इसी बीच अधिकांश कर्मचारी भागते हुए अलग-अलग कमरों में अपने साथियों के साथ बंद हो गये. बाहर से उपद्रवी दरवाजे तोड़ने का प्रयास कर रहे थे तो, कर्मी अंदर से दरवाजे को बाहर ढकेलने में लगे थे.
ट्रक चालकों के हमले में प्लांट के कर्मी राजेश कुमार और दिग्विजय सिंह गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. इन दोनों का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है. यह भी जानकारी मिली है कि एक दर्जन से अधिक कर्मियों का इलाज भिन्न-भिन्न चिकित्सालयों में कराया गया है. हालांकि, इनके आंकड़े अभी स्पष्ट नहीं है. उद्योग के प्रबंधक, कर्मी भी इस बात को स्वीकार कर रहे है कि पुलिस ने समय पर पहुंच कर प्लांट को बचा लिया अन्यथा आक्रोशित भारी नुकसान पहुंचा सकते थे.
हो रहा नुकसान का आकलन : श्रीसीमेंट प्लांट में मजदूर के मौत के बाद तोड़फोड़ की हुइ घटना से हुए नुकसान का आकलन करने में कंपनी प्रबंधन जुट गया है. इस संबंध में श्रीसीमेंट के प्रबंधक ज्ञाननेंद्र मोहन खरे ने कहा कि सोमवार की सुबह 5 बजकरर 40 मिनट पर उन्हें सूचना मिली की पैकिंग प्लांट के पास एक आदमी गिरा पड़ा है. सूचना मिलते ही कंपनी के रेसक्यू टीम के सदस्य एंबुलेंस से उसे तत्काल अस्पताल ले गये, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
इनका कहना है कि मौत का कारण अज्ञात है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही ज्ञात होगा. इन्होंने कहा कि इस घटना के बाद एक अफवाह फैलायी गयी कि मृत व्यक्ति ड्राइवर है. जिससे सारे ट्रकों के ड्राइवर व उनके सहयोगी बिना सच्चाई जाने फैक्टरी के अंदर पहुंच गये व तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया. उपस्थित कर्मचारियों के साथ मारपीट भी की, जिससे कई कर्मचारियों को चोट आयी और फैक्टरी को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि मृतक का नाम दिलीप है. वह तरूण कंस्ट्रक्शन कंपनी का कर्मचारी था. उन्होंने कहा है कि मृत व्यक्ति को नियमानुसार मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर जो भी मुआवजा होता है, उसके परिवार को तत्काल दिया जायेगा.
जाम में फंसे रहे स्कूली बच्चे व परीक्षार्थी भी : सीमेंट प्लांट में मजदूर की मौत के बाद ट्रक चालकों का आक्रोश सड़क पर दिखा. एनएच 98 को आक्रोशितों ने जाम कर नारेबाजी शुरू कर दी. इस क्रम में सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारे लग गयी. एम्बुलेंस से लेकर स्कूल बस भी इस जाम में फंस गये. पटना से औरंगाबाद आने और पटना जाने वाले लोग भी इस जाम में फंस गये. पता चला कि स्कूली बच्चों का टेस्ट परीक्षा अभी चल रहा है.
सुबह 6 बजे से साढ़े नौ बजे तक जाम लगा रहा. पुलिस प्रशासन के सहयोग से जाम तो हटायी गयी, लेकिन सैकड़ों बच्चों की परीक्षा छुट गये.
नेतागिरी से मिली वाहवाही : सीमेंट फैक्टरी में बवाल के दौरान नेतागिरी भी खूब हुई. कुछ लोग अपनी आवाज मजदूरों के समक्ष उठा कर वाहवाही लूटने में लगे थे. लेकिन जब पुलिस का रौद्र रूप सामने आया तो नेतागिरी समाजसेवा में बदल गयी. जो मजदूर के साथ आवाज मिला कर नारेबाजी कर रहे थे वो उलटे उन्हें ही समझाने में लग गये. खैर बात जो हो उनकी नेतागिरी चमक गयी.
बेगूसराय का रहने वाला था दिलीप: सीमेंट प्लांट में जिस मजदूर की मौत के बाद बवाल हुआ ,उस मजदूर का नाम दिलीप तांती बताया जाता है और वह बेगूसराय जिले के चिलमिल गांव का रहने वाला था. मुफस्सिल थाना की पुलिस ने जाम हटने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया और फिर मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दी.
जिला प्रवक्ता ने भी किया प्रदर्शन का नेतृत्व: राजद के जिला प्रवक्ता डाॅ रमेश यादव, ट्रक चालकों व मजदूरों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे. प्लांट के जीएम को हटाने और मृतक के परिजन को 20 लाख रुपये की मुआवजा की मांग उन्होंने किया. डाॅ रमेश ने कहा कि मजदूरों के साथ न्याय होना चाहिए, अन्याय बरदाश्त नहीं होगा.

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