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बारिश ने बिगाड़ी शहर की सूरत

बेदम सिस्टम. कई मुहल्लों की सड़कों पर भरा बारिश का पानी व कीचड़ लोगों को आने-जाने में भी हो रही परेशानी औरंगाबाद (ग्रामीण) : पिछले चार दिन से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी है. ऐसा नहीं कि सूरत बिगाड़ने में ऊपरवाले जिम्मेवार है, बल्कि जिन्हें शहर की […]

बेदम सिस्टम. कई मुहल्लों की सड़कों पर भरा बारिश का पानी व कीचड़
लोगों को आने-जाने में भी हो रही परेशानी
औरंगाबाद (ग्रामीण) : पिछले चार दिन से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी है. ऐसा नहीं कि सूरत बिगाड़ने में ऊपरवाले जिम्मेवार है, बल्कि जिन्हें शहर की सूरत को बेहतर बनाने की जिम्मेवारी दी गयी है, कहीं न कहीं वे ही जिम्मेवार व जबादेह है. ऊपर की तसवीर से स्पष्ट होता है कि औरंगाबाद शहर के लोग किस हद तक नारकीय जीवन जी रहे हैं.
शनिवार की सुबह शहर के सत्येंद्र नगर, टिकरी मुहल्ला, वार्ड नंबर 11 की पड़ताल की गयी तो स्पष्ट हुआ कि हजारों की आबादीउस सड़क से गुजर रही है, जहां जल जमाव के साथ-साथ कीचड़ों का अंबार लगा हुआ है. सबसे भयावह स्थिति टिकरी मुहल्ले की है.
टिकरी मोड से लेकर बाइपास रोड तक की स्थिति ऐसी हो गयी है कि लोग गुजरते वक्त सावधानी बरत रहे हैं कि कहीं गिरने से कोई हादसा न हो जाये. दूसरी बात यह है कि हजारों की आबादी वाले इस मुहल्ले में नाला निर्माण का कार्य चल रहा है. बाढ़ के पानी से मुक्ति दिलाने के लिये नगर पर्षद नाला निर्माण के माध्यम से दावा कर रही है.
लेकिन, सवाल यह उठता है कि बरसात में ही नाला का निर्माण क्यों. बरसात आने से पहले नाले निर्माण क्यों नहीं कराया गया और अगर टेंडर की प्रक्रिया बरसात के कुछ दिन पहले पूरी हुई थी तो समय क्यों नहीं बढ़ाया गया. आज नाला निर्माण के कारण सड़क पर मिट्टी का अंबार लगा हुआ है. वैसे पता चला कि सड़क का निर्माण कार्य भी प्रारंभ होनेवाला है. एक जगह पर नाला निर्माण में लगे मजदूर सैर से पानी निकाल रहे थे.
कार्य करा रहे संवेदक ने बताया कि बहुत जल्द नाला निर्माण हो जायेगा. लेकिन, अभी लगभग एक किलोमीटर के दायरे में निर्माण कार्य कराने है. ऐसे में निर्माण कार्य इस मौसम में होने का सवाल ही नहीं उठता. बात जो हो अगर बारिश की स्थिति यही रही तो बहुत जल्द एक बार फिर टिकरी मुहल्ले के लोगों को बाढ़ के पानी से परेशानी उत्पन्न होगी. सत्येंद्र नगर मुहल्ला की स्थिति भी एक जैसी ही है. कहने को तो यह भी आइपी इलाका है.
लेकिन, सत्येंद्र नगर के हर सड़क में जलजमाव है. बारिश के साथ- साथ घरों के नालियों के पानी भी सड़क पर ही गिरता है. यहां के लोगों का कहना है कि वर्षों से स्थिति जस की तस है.वार्ड पार्षद से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगायी गयी. लेकिन, किसी ने एक नहीं सुनी. वार्ड नंबर 11 की स्थिति भी ठीक नहीं है. यहां के अधिकांश पथों में जल जमाव है. नगर पर्षद के मुख्य पार्षद स्वेता गुप्ता ने कहा कि शहर के सौंदर्यीकरण का कार्य प्रारंभ है, थोड़ी परेशानी होगी. लेकिन, हमेशा के लिए परेशानियों से मुक्ति मिल जायेगी. टिकरी मुहल्ला की स्थिति बेहतर करने के लिए नगर पर्षद प्रयासरत है.
बताते चलें कि बरसात के मौसम में हर वर्ष बाढ़ के पानी से टिकरी मुहल्ले के लोगों को हमेशा परेशानियों से गुजरना पड़ता है. बरसात के पूर्व नाले की सफाई करायी गयी थी. लेकिन, वह पर्याप्त नहीं था. आज भी मुख्य नाले में कचरों का अंबार लगा हुआ है. दूसरा यह है कि नाला को कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमित भी कर लिया गया है.ऐसे में नगर पर्षद के दावे इस बार भी हवा-हवाई साबित हो सकते हैं.

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