औरंगाबाद (नगर) : जिस गूंजा हत्याकांड में शामिल एक अपराधी विपिन यादव को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनायी है. उस हत्याकांड के पीछे कई रहस्य छिपे हुए थे. गूंजा देवी के पति राजकुमार राय सिपाही था और पुलिस लाइन में जवानों को प्रशिक्षण देने का काम करता था. उसी दौरान एक महिला सिपाही रूपा देवी से उसका प्रेम हो गया था. सिपाही राजकुमार रूपा से शादी करना चाहता था. लेकिन, बीच में पत्नी गूंजा देवी रोड़ा बन रही थी, जिसके कारण राजकुमार ने अपनी पत्नी की हत्या करने की साजिश रची.
50 हजार रुपये में हत्या करने का सौदा विपिन यादव निवासी पकहा से तय किया. इसके बाद अपने छोटे भाई शनि कुमार को 24 जून 2013 को फोन कर मैजिक वाहन लेकर औरंगाबाद शहर में बुलाया और बाइपास पर विपिन यादव को भाई के साथ लगा दिया. इसके बाद शनि व विपिन मैजिक वाहन पर सवार होकर करमा रोड स्थित राजकुमार के आवास पर पहुंचे और घर में रहे गूंजा देवी को शनि कुमार ने घुमने के नाम पर बाहर लेकर आया और मैजिक वाहन में बैठा दिया, जहां पहले से विपिन यादव, गुंजन कुमार, मदन कुमार बैठे हुए थे.
इसके बाद शनि ने सभी लोगों को अपने साथ लेकर बाजार घुमने लगे, इसी दौरान गूंजा देवी का बाल पकड़ कर विपिन यादव ने तेज हथियार से गला रेत दिया. न्यायालय में 164 बयान के तहत शनि कुमार ने कहा था कि हम मैजिक वाहन से मलहारा जा रहे थे.
लेकिन, मेरे भाई राजकुमार राय ने फोन कर बुलाया था. विपिन यादव ने हत्या की. इसके बाद शव को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के हरिहर बिगहा के पास नौलखा पुल के समीप खेत में फेंक दिया. वहां पर भी गूंजा के शरीर पर तेज हथियार से तीन-चार बार वार किया गया था. घटना का अंजाम देने के बाद विपिन यादव ने कहा था कि अपने भाई को 50 हजार रुपये देने के लिए बोल देना और यदि पुलिस तुम्हें पकड़ लेती है तो मेरा नाम मत बताना,नहीं तो तुम्हारी भाभी जैसे ही हत्या कर दूंगा.
इसके बाद मेरे बड़े भाई ने दूसरे दिन कहा कि गूंजा की हत्या की सारी जिम्मेवारी तुम अपने ऊपर ले लो. मैं पुलिस हूं, तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा. लेकिन, मैं सारी बात पुलिस को बता दिया. मैंने हत्या के बाद खून लगा शर्ट को सदीपुर डिहरी गांव में फेंक दिया था और हथियार को गोह पुनपुन नदी में फेंक दिया था .