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शहर में नहीं आयेगा बाढ़ का पानी

बारिश के दिनों में बाढ़ के पानी से होने वाली परेशानी को कम करने के लिए नगर पर्षद तत्पर है. बरसात आने से एक माह पूर्व ही युद्ध स्तर पर नाले की साफ-सफाई शुरू कर दी गयी है. संबंधित वार्ड पार्षद इस सफाई अभियान की देखरेख करेंगे. खुद कार्यपालक पदाधिकारी भी इस कार्य पर निगरानी […]

बारिश के दिनों में बाढ़ के पानी से होने वाली परेशानी को कम करने के लिए नगर पर्षद तत्पर है. बरसात आने से एक माह पूर्व ही युद्ध स्तर पर नाले की साफ-सफाई शुरू कर दी गयी है. संबंधित वार्ड पार्षद इस सफाई अभियान की देखरेख करेंगे. खुद कार्यपालक पदाधिकारी भी इस कार्य पर निगरानी रखेंगे.
औरंगाबाद (ग्रामीण) : औरंगाबाद शहर को इस बार बाढ़ के पानी से मुक्ति मिल सकती है. खासकर टिकरी मुहल्ला, शाहपुर व मिनी बिगहा मुहल्ले के लोगों को बाढ़ के पानी से होने वाली समस्याओं से निजात मिलेगी. यह दावा नगर पर्षद का है. इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गयी है.
शहर से होकर गुजरे मुख्य नाले की सफाई बुधवार से शुरू कर दी गयी है. एक दर्जन से ऊपर सफाई कर्मचारियों को नाले की सफाई में लगाया गया है. नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी विमल कुमार ने वार्ड पार्षद सतीश कुमार सिंह ने सिंटू तिवारी के साथ नाले की सफाई का निरीक्षण भी किया. धर्मशाला मोड़ के पास सफाई का कार्य शुरू किया गया था.
सुबह के वक्त कार्यपालक पदाधिकारी ने काफी देर तक रूक कर इस कार्य का जायजा लिया व वार्ड पार्षदों को कई दिशा निर्देश दिये. कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि हर वर्ष बरसात के मौसम में बाढ़ के पानी से कुछ मुहल्ले के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस बार उन्हें बाढ़ के पानी से राहत दिलाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. शहरवासियों से भी सहयोग की अपेक्षा है. नाले के किनारे जिन लोगों के घर हैं, उन्हें नगर पर्षद नोटिस देकर आग्रह किया जायेगा कि वे नाले में किसी तरह का कूड़ा नहीं डाले. इससे शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जब तक हम खुद जागरूक नहीं होंगे, तब तक जागरूकता नहीं ला सकते हैं. गौरतलब है कि बरसात के मौसम में औरंगाबाद शहर के करीब तीन से चार मुहल्लों में बाढ़ के पानी से हर वर्ष समस्या उत्पन्न होती है. पिछले वर्ष बाढ़ के पानी से टिकरी मुहल्ले में लाखों रुपये का नुकसान हुआ था. करीब एक सप्ताह तक तीन से चार फुट पानी सड़कों पर और चार से पांच फुट तक पानी खाली पड़ी जमीन में लगा रहा. कई लोगों के घरों में भी पानी घूस गया था.
यहां तक कि दर्जनों बच्चों ने स्कूल जाना भी बंद कर दिया था. प्रशासन के पदाधिकारी लगातार निगरानी कर रहे थे. इस पर राजनीति भी जम कर हुई. नगर पर्षद के पदाधिकारियों व वार्ड पार्षदों की किरकिरी भी हुई थी. लेकिन, इस बार नगर पर्षद ने हजारों लोगों की परेशानियों को समाप्त करने की कोशिश में लग गयी है.

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