– ओम प्रकाश प्रीत –
औरंगाबाद (सदर) : भ्रूण हत्या में वृद्धि चिंता का विषय बनता जा रहा है. आज स्थिति ये है कि शहर, गांवों व कस्बों के क्लिनिकों मे लिंग परीक्षण व गर्भपात कराये जा रहे हैं. इसका परिणाम ये है कि गर्भपात के बाद भ्रूण को किसी नदी-नाले या कूड़ेदान में फें क दिया जा रहा है.
ऐसे कार्य लोगों को झकझोर दे रही है. फिर भी ऐसी घटनाएं बंद नहीं हो रही. नर्सिग होम व क्लिनिकों में भ्रूण हत्या वैध-अवैध तरीके से कराये जा रहे हैं. बुधवार की सुबह शहर के अदरी नदी पुल के नीचे नदी में एक पांच-छह माह का अपरिपक्व भ्रूण हत्या क र फेंका पाया गया.
लोगों के जेहन में एक बार फिर तरह-तरह के सवाल उभरने लगे. किसी के मुंह से यह कहते सुना गया कि यह भ्रूण किसी अविवाहित महिला का है तो किसी को यह कहते सुना गया कि यह एक अवैध संबंध का या घर व समाजवालों की इच्छा से वशीभूत होकर गर्भपात होने का परिणाम है.
इससे पूर्व भी शहर के कई जगहों पर गर्भपात भ्रूण की हत्या कर फेंका पाया जाता रहा है. लेकिन इस मामले में न तो जिला प्रशासन व न ही स्वास्थ्य विभाग कोई कठोर कदम उठा रही है, जबकि भ्रूण की हत्या एक संच्चेय अपराध है.