औरंगाबाद (ग्रामीण) : बेटे की तमन्ना लिये सुशीला व उरेंद्र तिवारी का एक-एक कर सात बेटियां हो गयीं. बेटे की चाह में 16 वर्ष पूर्व औरंगाबाद के देव पहुंच कर भगवान सूर्य से मन्नत मांगी और अर्घदान करने का वादा किया. भगवान सूर्य ने भी सुशीला की पुकार को आखिरकार सुनी. अंकित तिवारी के रूप में उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. पुत्र को जन्म लेने के बाद मां ने भगवान सूर्य को अर्घदान करने का वादा किया और वह भी सूर्य नगरी देव में ही.
लेकिन, ईश्वर को यह मंजूर नहीं हुआ. 16 वर्षीय अंकित तिवारी की मौत डूबते सूर्य को अर्घ देने के पूर्व ही पवित्र सूर्यकुंड तालाब में डूबने से हो गयी. इस घटना के बाद सुशीला देवी व उरेंद्र तिवारी पर पहाड़ टूट गया. जिस पुत्र के लिए वह मनौती पूरी करने देव पहुंची थे आज वही पुत्र उससे हमेशा के लिए दूर हो गया. इधर, अंकित तिवारी के शव को लगभग एक घंटे बाद प्रशासन व स्थानीय लोगों के सहयोग से तालाब से निकाला गया और फिर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. जानकारी के अनुसार, सुशीला देवी व इनके पति उरेंद्र तिवारी झारखंड राज्य के पलामू जिले के नावाजयपुर गांव के रहनेवाले हैं. अपने पूरे परिवार के साथ अर्घदान करने सूर्यनगरी देव पहुंचे थे.
देव में एक किराये पर कमरा लिया था और मंगलवार की शाम व बुधवार की सुबह अर्घदान करने के उपरांत लौटने की तैयारी थी. लेकिन, इस घटना से पूरा परिवार टूट गया. घर का एकलौता वारिस सभी को छोड़ कर चला गया. इधर, सदर अस्पताल में अपने एकलौते पुत्र का पोस्टमार्टम कराने पहुंचे पिता व अन्य परिजनों की हालत बेहद खराब थी. पुत्र की मौत के गम ने पिता को बेहोशी की हालत में पहुंचा दिया था. बार-बार बेहोश होते पिता को अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीज व उनके परिजन ढांढ़स बंधा रहे थे.