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प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगे रोक
औरंगाबाद ग्रामीण : त्येक वर्ष री-एडमिशन के नाम पर विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों का शोषण अब नहीं होने दिया जायेगा. प्राइवेट स्कूलों की मनमानी बंद होगी, नहीं तो सभी स्कूलों में तालाबंदी की जायेगी. ये बातें भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) के छात्र नेताओं ने शिक्षा विभाग के डीपीओ यदुवंश राम को प्राइवेट विद्यालयों से […]
औरंगाबाद ग्रामीण : त्येक वर्ष री-एडमिशन के नाम पर विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों का शोषण अब नहीं होने दिया जायेगा. प्राइवेट स्कूलों की मनमानी बंद होगी, नहीं तो सभी स्कूलों में तालाबंदी की जायेगी.
ये बातें भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) के छात्र नेताओं ने शिक्षा विभाग के डीपीओ यदुवंश राम को प्राइवेट विद्यालयों से संबंधित शिकायत पत्र सौंपने के दौरान कहीं. डीपीओ से मिलनेवालों में एनएसयूआइ के उपाध्यक्ष विवेक सिंह, मोहम्मद मजहर, शुभम सिन्हा, जितेंद्र कुमार व धर्मेंद्र कुमार थे.
विवेक सिंह ने डीपीओ को दिये ज्ञापन में कहा है कि री-एडमिशन व सिलेबस में बदलाव के नाम पर प्राइवेट स्कूलों के संचालक मनमानी करते हैं, जो बंद होनी चाहिए. सरकारी नियमों के अनुसार प्रत्येक स्कूलों में 25 प्रतिशत सीट पर बीपीएल परिवार के बच्चों का नामांकन लेकर उन्हें मुफ्त शिक्षा दी जानी चाहिए.
एनसीइआरटी की किताबों को सभी स्कूलों में अनिवार्य किया जाना चाहिए. फीस के अनुसार शिक्षा की गुणवत्ता भी अच्छी हो. प्राइवेट विद्यालय नियमों को अक्षरश: पालन करें, ताकि विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को परेशानी नहीं हो. छात्र नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि यदि एक माह के भीतर उनकी मांगों पर अमल नहीं किया जाता है, तो एनएसयूआइ की तरफ से पूरे जिले के प्राइवेट स्कूलों में तालाबंदी की जायेगी.
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