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मात्र दो पंचायतों के 29 लोग हुए लाभान्वित
मनमानी . नियमों को ताक पर रख कर देव में दिये गये बायोगैस प्लांट देव प्रखंड में कृषि विभाग द्वारा 14 पंचायत के चयनित लाभुकों के बीच बायोगैस प्लांट दिया जाना था. लेकिन, सिर्फ दो पंचायत के ही 29 लोगों को बायोगैस का प्लांट दे दिया गया है. 29 लोग सिर्फ दो ही गांव के […]
मनमानी . नियमों को ताक पर रख कर देव में दिये गये बायोगैस प्लांट
देव प्रखंड में कृषि विभाग द्वारा 14 पंचायत के चयनित लाभुकों के बीच बायोगैस प्लांट दिया जाना था. लेकिन, सिर्फ दो पंचायत के ही 29 लोगों को बायोगैस का प्लांट दे दिया गया है. 29 लोग सिर्फ दो ही गांव के हैं. इसका खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी सूचना से हुआ है.
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी सूचना
से हुआ खुलासा
औरंगाबाद/देव(ग्रामीण) : एक तरफ सरकार के मंत्री, विधायक व प्रशासनिक अधिकारी किसानों को कृषि से संबंधित योजनाओं का लाभ ईमानदारी से दिलाने की बात करते हैं तो दूसरे तरफ सरकार के ही पदाधिकारी किसानों को छलते हैं. देव प्रखंड में कृषि विभाग ने ऐसा ही एक कारनामा दिखाया है.
14 पंचायत के चयनित लाभुकों के बीच बायोगैस प्लांट दिया जाना था. लेकिन, सिर्फ दो पंचायत के ही 29 लोगों को बायोगैस का प्लांट दे दिया गया है. ताज्जुब की बात तो यह है कि 29 लोग सिर्फ दो ही गांव के हैं. इसका खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी सूचना से हुई है. देव शहर के धीरज पांडेय ने अनियमितता को देखते हुए अपना अधिकार का उपयोग किया था. 2014-15 में बायोगैस लाभुकों की सूची मांगी गयी थी. प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुखदेव मेहता ने सूचनादाता को ज्ञापांक 133 से जो सूची उपलब्ध करायी है, उसमें बड़ी अनियमितता बरती गयी है. सारे नियमों को ताक पर रखकर मनमर्जी से 2014-15 में 33 लोगों को बायोगैस का लाभ दिया गया. सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या दो गांव के ही किसान बायोगैस प्लांट के लिये चयनित हुए थे.
बायोगैस प्लांट के वितरण में सबसे बड़ी धांधली यह हुई कि एक ही घर के कई परिवारों को बायोगैस प्लांट उपलब्ध कराया गया. खखड़ा गांव के रामपति सिंह के घर तीन प्लांट दिया गया जिसमें एक नीतीश कुमार, दूसरा सुमित कुमार और तीसरा सत्येंद्र सिंह. खखड़ा गांव में ही महेंद्र सिंह के घर दो बायोगैस प्लांट दिया गया जो नवल किशोर सिंह और अटल बिहारी सिंह के नाम से है. यही नहीं इसी गांव में गणेशी महतो के पुत्र विशुनदेव महतो और विशुनदेव महतो के पुत्र महेंद्र कुमार यानी पिता-पुत्र को दिया गया.
सबसे बड़ी चूक तो यहां देखने को मिली जहां बायोगैस प्लांट के लाभुकों में एक ही घर के पति-पत्नी शामिल हैं. सटवट गांव निवासी विदेशी भगत के पुत्र कृष्णदेव भगत और उनकी पत्नी लक्ष्मनिया देवी ने बायोगैस प्लांट का लाभ लिया है. 14 पंचायत वाले देव प्रखंड में सिर्फ दो ही गांव में एक ही परिवार के कई सदस्यों को लाभ पहुंचाया गया. 14 पंचायतों में सिर्फ हसौली, एरौरा, देव पंचायत के 32 लोगों को और बसडिहा पंचायत के एक व्यक्ति को इसका लाभ मिला.
नहीं बरती गयी अनियमितता
सभी लाभार्थियों ने अलग-अलग कागज दिये थे. इसी को लेकर उन्हें बायोगैस प्लांट दिया गया. किसी तरह की कोई अनियमितता नही बरती गयी है.
सुखदेव मेहता, बीएओ, देव
दो गांवों के लोगों को ही प्लांट देना सही नहीं
सिर्फ दो गांवों के ही 29 लोगों को प्लांट मुहैया कराना नियमत: सही नहीं है. वरीय अधिकारी स्तर से कोई जांच हो तभी पता चल पायेगा कि क्या खामिया है इसमें.
पंकज कुमार शक्तिधर, बीडीओ, देव
करायी जायेगी जांच
मेरे जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है. अब जानकारी हुई है तो इसकी जांच करायी जायेगी. किसी तरह की कोई अनियमितता पायी गयी तो कार्रवाई की जायेगी.
शैलेंद्र ओझा, डीएओ
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