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जिले में 158 की जगह होंगी मात्र 10 दुकानें
तैयारी. शराबबंदी को लेकर जिला प्रशासन ने कसी कमर मुख्यमंत्री द्वारा एक अप्रैल से सूबे में शराबबंदी की घोषणा की गयी है. जिले में इसे अमलीजामा पहनाने की कार्रवाई शुरू हो गयी है. सिर्फ औरंगाबाद शहर में ही शराब की दुकानें होंगी. औरंगाबाद (ग्रामीण) : एक अप्रैल से नयी उत्पाद नीति-2015 लागू हो जायेगी. बीएसबीसीएल […]
तैयारी. शराबबंदी को लेकर जिला प्रशासन ने कसी कमर
मुख्यमंत्री द्वारा एक अप्रैल से सूबे में शराबबंदी की घोषणा की गयी है. जिले में इसे अमलीजामा पहनाने की कार्रवाई शुरू हो गयी है. सिर्फ औरंगाबाद शहर में ही शराब की दुकानें होंगी.
औरंगाबाद (ग्रामीण) : एक अप्रैल से नयी उत्पाद नीति-2015 लागू हो जायेगी. बीएसबीसीएल के माध्यम से सरकारी शराब दुकानों का संचालन होगा. अब गांव व चट्टी (हाट) की दुकानों में शराब नहीं मिलेगी. शराब पीने के शौकीनों को सरकारी दुकानों पर जाकर शराब खरीदना होगा. उसके लिए उन्हें सीसीटीवी कैमरे व पंजीयन रजिस्टर से गुजरना होगा.
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, औरंगाबाद जिले में 53 देशी व 63 कंपोजिट समेत 158 शराब की दुकानें हैं.नयी शराब नीति लागू होने के बाद एक अप्रैल से 158 की जगह औरंगाबाद में मात्र 10 शराब की दुकानें रह जायेंगी, जहां पर सिर्फ विदेशी शराब बिकेंगी. डीमए कंवल तनुज द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, सभी 10 दुकानें औरंगाबाद नगर पर्षद क्षेत्र में ही खोले जायेंगे, जहां सुरक्षा की पूरी व्यवस्था होगी. उत्पाद अधीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि सभी 10 दुकानों के लिए जगह चिह्नित कर ली गयी है. भू-स्वामी से किराये का एकरारनामा कर उसे जिला मुख्यालय भेजा गया है. औरंगाबाद शहर के बाइपास एरिया में दो, समाहरणालय व ब्लॉक मोड़ के बीच दो व अदरी नदी पुल से फाॅर्म के बीच चार दुकानें खोली जायेंगी. दो अन्य दुकानों के लिए जगह भी तय हो गयी है.
कंट्रोल रूम रखेगा गतिविधियों पर नजर. शहर में खुलनेवाली 10 दुकानें पर होनेवाली गतिविधियों के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया जायेगा. नयी उत्पाद नीति के क्रियान्वयन के लिए बीएसबीसीएल सीसीटीवी कैमरे लगाने व इंटरनेट के माध्यम से विभागीय कंट्रोल रूम से जुड़ेगी. सूचना है कि हर महीने उत्पाद पदाधिकारी कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. जिस वाहन से शराब लाया जायेगा, वह जीपीएस व डिजिटल लॉकर से लैस होगा.
31 मार्च की रात बची शराब को किया जायेगा नष्ट
मार्च महीना शराब बिक्री के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. उत्पाद विभाग को इस माह अधिक राजस्व प्राप्त मिलने उम्मीद होती है, तो शराब व्यवसायी भी अधिक मुनाफे कमाने के चक्कर में रहते हैं. नयी उत्पाद नीति के तहत 31 मार्च की रात 10 बजे तक आखिरी डेडलाइन है.
इसके बाद सभी शराब दुकानों में बची हुई शराब को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. उत्पाद अधीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि शराब नष्ट करने के लिए टीम गठित की जा रही है. कई टीमें होंगी, जो शहर से लेकर गांवों तक के शराब भट्ठियों को ध्वस्त कर शराब नष्ट करने की कार्रवाई करेंगी. इस टीम में एक दंडाधिकारी के अलावा उत्पाद निरीक्षक व विभाग के जवान शामिल होंगे. तय तिथि तक विदेशी शराब की दुकानों में अगर सीलबंद शराब की बोतलें बच जाती हैं, तो उसे वापस लिया जा सकता है.
शराब लाइसेंसधारियों को मिल सकती है दूध की दुकान
जिले के लाइसेंसधारी शराब व्यवसायियों को सुधा दूध की दुकान मिल सकती है. इसके लिए उन्हें विभाग को अपने लाइसेंस की प्रति के साथ आवेदन देना होगा. औरंगाबाद जिले में कुल 74 शराब लाइसेंसधारी हैं. नयी शराब नीति लागू होने के बाद इन लाइसेंसधारियों का कोई वजूद नहीं रह जायेगा. इसी को देखते हुए सरकार ने इन्हें दूध की दुकानें देने का निर्णय लिया है.
अवैध कारोबारियों पर रहेगी कड़ी निगाह
नयी शराब नीति लागू होने के बाद शराब का अवैध कारोबारियों पर उत्पाद विभाग की कड़ी नजर रहेगी.उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि 10 दुकानों के अलावा कहीं भी शराब का कारोबार किया जाता है, तो वह गलत है. अवैध कारोबारियों पर नजर रखने के लिए विभाग की टीम शहर से लेकर गांव तक गश्ती करेगी. झारखंड बोर्डर के पास संडा के समीप एक चेकपोस्ट खोला जायेगा, जिससे शराब के अवैध कारोबार पर निगरानी रखी जायेगी. इसके अलावा कई अन्य जगहों पर अस्थायी बैरियर लगाया जायेगा.
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