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जो पीये दारु, उसका बेटा-बेटी लगाये झाड़ू
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फेंसिंग से अधिकारियों व कर्मचारियों को पूर्ण शराब बंदी का पढ़ाया पाठ, कहा औरंगाबाद कार्यालय : नगर भवन में गुरुवार को मद्य निषेध अभियान सह जागरूकता कार्यक्रम का ऐतिहासिक आयोजन किया गया. इसमें नगर भवन भी छोटा पड़ गया. हजारों लोगों की उपस्थिति में जिले भर से आये साक्षरताकर्मी, जीविका, स्वयं सहायता […]
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फेंसिंग से अधिकारियों व कर्मचारियों को पूर्ण शराब बंदी का पढ़ाया पाठ, कहा
औरंगाबाद कार्यालय : नगर भवन में गुरुवार को मद्य निषेध अभियान सह जागरूकता कार्यक्रम का ऐतिहासिक आयोजन किया गया. इसमें नगर भवन भी छोटा पड़ गया. हजारों लोगों की उपस्थिति में जिले भर से आये साक्षरताकर्मी, जीविका, स्वयं सहायता समूह, टोला सेवक, तालिम मरकज व समाजसेवियों के बीच जिला पदाधिकारी कंवल तनुज व एसपी बाबू राम ने दीप जला कर इस अभियान की शुरुआत की.
इस बीच साक्षरता समूह व विभिन्न संगठनों द्वारा मद्य निषेध पर गाये जाने वाले गीतों से नगर भवन गूंज उठा. यह सिलसिला तब थमी जब तीन बजे के करीब पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लाइव प्रसारण प्रारंभ हुआ. उपस्थित लोगों ने शिक्षा मंत्री, मद्य निषेद्य विभाग के मंत्री, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, डीजीपी के संदेश सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबोधन व संदेश को बड़े ही शांत चित होकर सुने.
एक अप्रैल से पूर्ण मद्य निषेध समझे : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लाइव प्रसारण जब नगर भवन में हो रहा था तो डीएम, एसपी के साथ-साथ पुलिस प्रशासन के डीएसपी, इंस्पेक्टर और सभी थानेदार सुन रहे थे. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि एक अप्रैल से लागू मद्य निषेध को पूर्ण मद्य निषेध समझे. हम पूर्ण रूप से मद्य निषेध का संकल्प ले चुके हैं और पुलिस अधिकारियों पर इसकी बड़ी जिम्मेवारी है. कहां बिकती है शराब. थाने में सब मालूम रहता है. गडबड़ नहीं होने देंगे अन्यथा बड़ी कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां 11 करोड़ की आबादी है. इनमें छह करोड़ लोगों के पास मोबाइल फोन है. कोई भी महिला फोन कर शराब बिकने की शिकायत कर सकती है. इसके लिए जिला स्तर से लेकर हमारे यहां तक सूचना केंद्र खोला गया है.
हर फोन को गंभीरता से सुना जायेगा और फिर उस पर कड़ी कार्रवाई होगी. मेरे शासनिक-प्रशासनिक पदाधिकारी भ्रमित करने की कोशिश न करे यह मेरा संकल्प है. इसे सामाजिक आंदोलन का रूप दे. सरकारी तंत्र के साथ-साथ समाजिक कार्यकर्ता इस आंदोलन से जुड़ें. मुख्यमंत्री ने संबोधन में कहा कि इसी श्रीकृष्ण मेमाेरिलय हॉल में जब मैं एक कार्यक्रम में आया तो एक कोने से महिला की आवाज आयी थी शराबबंदी कीजिये. हमने उसी दिन मन में निश्चय कर लिया था कि शराब बंदी करूंगा. मैं कहना चाहता हूं इस राज्य की महिलाओं से आप ने कहा हम मान लिया. आप हमारा मानिये पूर्ण रूप से शराब बंदी में लग जाइये. उन्होंने कहा कि जो पीये दारु, उसका बेटा-बेटी लगाये झाड़ू.
अभियान को शत-प्रतिशत बनायेंगे सफल : डीएम
औरंगाबाद के जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मद्य निषेद्य संदेश को एक जन आंदोलन का रूप देने का आह्वान किया है.
डीएम ने संबोधन में कहा कि इसे जन आंदोलन व जागरूकता से सफल बनाना है और यह जिम्मेवारी हम सभी शासनिक-प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ-साथ समाज के लोगों की है. मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये संदेश का चर्चा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि औरंगाबाद ने मुख्यमंत्री को कभी निराश नहीं किया है. हम उनके अभियान को शत प्रतिशत सफल बनायेंगे. हमारा दायित्व है मद्य निषेध अभियान को लक्ष्य तक पहुंचाना. डीएम ने दो टूक लब्जों में अपने पदाधिकारियों को कहा कि अब और कोई विकल्प नहीं है. करना है तो करना ही होगा.
महिलाओं की होगी महत्वपूर्ण भूमिका : डीएम ने कहा कि मद्य निषेद्य अभियान को सफल बनाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. क्योंकि शराब से होने वाली परेशानियां का सबसे अधिक पीड़ा उन्हीं को उठानी पड़ती है.
चाहे शराब परिवार का कोई भी व्यक्ति पीता हो. पीड़ा का सहन उस परिवार के महिलाएं को ही करनी पड़ती है. डीएम ने जीविका संस्था के महिलाओं द्वारा अवैध शराब के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि संस्था की महिलाओं ने जिस तरह अपनी भूमिका को निभायी है और जो अभियान का स्वरूप दिया है उसका उपयोग में लाने का यह समय है. डीएम ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री धन्यवाद के पात्र है. उन्होंने बिहार के लोगों को, बिहार की युवा पीढ़ी को बचाने का, उनकी जिंदगी को संवारने का जो प्रयास पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर की है. उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाये वह कम है. अब हम सभी की जिम्मेवारी है मुख्यमंत्री के प्रयास को सफल व सार्थक बनाये. दो माह समय बचा है, तैयारी में सफलता हासिल करने की.
डीएम ने कहा कि एक अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी लागू होनी है. हमारे पास मात्र दो माह समय बचा है. यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है. शराबबंदी की पूर्व की तैयारियां को सफल बना कर हमें पहली सफलता हासिल करनी है. इसमें सफल होने के बाद शराबबंदी अभियान में कोई दिक्कत नहीं होगी.
करें चिह्नित : डीएम ने अपने अधिनस्थ पदाधिकारियों, पुलिस के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि आप अभी से ही वैसे लोगों का सर्वे प्रारंभ कर दे जो लोग शराब के आदि है. ऐसे 10 प्रतिशत लोग जरूर होंगे जो शराब के बिना नहीं रह सकते या शराब न मिलने के कारण उनके शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे लोगों को चिह्नित करने का काम 30 जनवरी तक पूरा कर ले. ताकि ऐसे लोगों को नशामुक्ति केंद्र में रखने की व्यवस्था की जाये.
मद्य निषेध के लिए गांव स्तर पर बनेगी कमेटी : एसपी
एसपी बाबू राम ने कहा है कि मद्य निषेध कानून को लागू करना हम सभी की जिम्मेवारी है. इसके लिए गांव स्तर तक मद्यनिषेध कमेटी बनायी जायेगी, जिसमें मुखिया, सरपंच व पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा. उनसे जानकारी हासिल की जायेगी इसके लिए गांव में घूम-घूम कर लोगों से संपर्क भी स्थापित किया जायेगा. कार्यक्रम की देखरेख डीपीआरओ राजेश कुमार ने की.
इस मौके पर अपर समाहर्ता सुरेश प्रसाद साह, डीडीसी संजीव कुमार सिंह, वरीय उप समाहर्ता प्रमोद कुमार पांडेय, मुकेश कुमार मुकुल, सीमा कुमारी, तेज नारायण राय,सुनील कुमार, डीएसपी सुमीत कुमार, एसडीपीओ पीएन साहू,संजय कुमार,साक्षर भारत मिशन के जिला सचिव सिद्धेश्वर के अलावे सभी इंस्पेक्टर, थानाध्यक्ष, समाजसेवी उपस्थित थे.
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