देवकुंड (औरंगाबाद) : गोह पीएचसी व हसपुरा रेफरल अस्पताल सहित प्रखंड के तमाम सरकारी अस्पतालों में दवा की घोर कमी. दवा की कमी के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. यह स्थिति पिछले चार माह से है,फिर भी स्वास्थ्य प्रशासन दवा खरीद की दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं.
रेफरल अस्पताल हसपुरा में इलाज के लिए आनेवाले मरीजों को दवा के लिए भटकना पड़ता है. खास कर के प्रखंड के सीमांत इलाकों से आये गरीब तबके के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सबसे अधिक परेशानी तो कुता काटने की एटी रैबीज की सूई नहीं होने के कारण हो रही है. क्योंकि यह दवा काफी महंगी है, जिससे बाजार में खरीदना सभी के बस की बात नहीं होती. आवश्यक दवाओं के नहीं रहने से रेफरल अस्पताल के चिकित्सकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. दवा नहीं मिलने पर मरीज कई बार चिकित्सक से बहस भी करने लगते हैं.
ऐसे में चिकित्सकों को भी प्रतिदिन इस तरह के परेशानी का सामना करना पड़ता है. चिकित्सकों ने बताया कि दवा के नहीं रहने से मरीज को बाहर से दवा खरीद करनी पड़ रही है. दवा के लिए आर्डर दिये जाने के बावजूद उपलब्ध नहीं करवाया जाता है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा की कमी को देखते हुए स्थानीय स्तर पर कुछ दवा की खरीद की गयी, लेकिन मरीजों की संख्या को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है.