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बरामदे व मैदान में पढ़ते छात्र-छात्राएं

बरामदे व मैदान में पढ़ते छात्र-छात्राएं जगदीशपुर इंटर विद्यालय का पांच साल बाद भी पूरा नहीं हो सका भवन निर्माण(फोटो नंबर-21,22)कैप्शन- अर्द्धनिर्मित राजकीय कृत किसान प्लस टू विद्यालय भवन, अर्द्धनिर्मित कमरो में लगी गंदगी का अंबार औरंगाबाद (नगर)राज्य सरकार शिक्षा की बेहतरी के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है. विद्यालय भवन, चहारदीवारी निर्माण व […]

बरामदे व मैदान में पढ़ते छात्र-छात्राएं जगदीशपुर इंटर विद्यालय का पांच साल बाद भी पूरा नहीं हो सका भवन निर्माण(फोटो नंबर-21,22)कैप्शन- अर्द्धनिर्मित राजकीय कृत किसान प्लस टू विद्यालय भवन, अर्द्धनिर्मित कमरो में लगी गंदगी का अंबार औरंगाबाद (नगर)राज्य सरकार शिक्षा की बेहतरी के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है. विद्यालय भवन, चहारदीवारी निर्माण व छात्र-छात्राओं को लाभ पहुंचाने के लिए कई योजनाओं में करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है. लेकिन इसका लाभ धरातल पर कम ही देखने को मिल रहा है. सदर प्रखंड अंतर्गत जगदीशपुर में 1971 स्थापित राजकीय कृत किसान प्लस टू विद्यालय की हालत काफी बदतर है. भले ही यह इंटर विद्यालय है, लेकिन संसाधनों व सुविधाओं की घोर अभाव से स्थिति एक प्राइमरी स्कूल भी खराब है. हालांकि विद्यालय का क्षेत्रफल काफी बड़ा है, पर देखरेख के अभाव में पुराने भवन जर्जर हो गये हैं. इससे मई 2015 में आयी भूंकप से कार्यालय भवन में भी दरार उभर आये हैं. इसकी जानकारी कॉलेज प्रबंधन द्वारा विभाग को दी गयी, लेकिन पहल नहीं की गयी. पूर्व मंत्री रामाधार सिंह की पहल पर वर्ष 2009 में लगभग 26 लाख रुपये की लागत से दो मंजिला भवन का निर्माण शुरू किया गया था. लेकिन वह अब तक पूरा नहीं हो सका. यह भवन एनआरइपी के तहत निर्माण करवाया जा रहा था. इसका शिलान्यास तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया था. गंदगी से भरा है अर्द्धनिर्मित विद्यालय भवन : वर्ष 2009 में शुरू भवन निर्माण कार्य 2009 में ही बंद हो गया था. भले ही दो मंजिला भवन तैयार करा दिया गया था, लेकिन न उसमें फर्श की ढलाई की गयी न ही प्लास्टर. आज स्थिति यह है कि भवन जानवरों व असमाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. कमरे खुले रहने से गंदगी का भी अंबार लगा है. उस समय से आज तक विद्यालय प्रबंधन द्वारा कई बार चालू कराने के लिए प्रयास किया गया लेकिन विभाग व ठेकेदार की मनमानी से अब तक निर्माण पूरा नहीं हो सका. संसाधनों की कमी : इंटर विद्यालय जगदीशपुर में संसाधनों की कमी तो हैं ही साथ ही कमरों का घोर अभाव है. इस विद्यालय में नौवीं से इंटर तक के छात्र-छात्राएं पढ़ाई के लिए विद्यालय आते हैं, पर कमरों के अभाव के कारण कभी बरामदे में तो कभी खुले में शिक्षक पढ़ाने को विवश हैं. खासा परेशानी तो उस समय होती है जब परीक्षा का समय आता है. इस विद्यालय में चहारदीवारी नहीं रहने के कारण और परेशानी होती है. बरसात के दिनों में छात्र एक फुट पानी से होकर विद्यालय पहुंचते हैं. ————–”’राजकीय कृत किसान इंटर विद्यालय जगदीशपुर के प्राचार्य अर्जुन प्रजापत छुट्टी पर हैं. प्रभार में रहे राम विजय सिंह ने बताया कि वर्ष 2009 में एनआरइपी योजना के तहत 26 लाख रुपये से दो मंजिला भवन का निर्माण शुरू कराया गया था, पर संवेदक किस कारण काम छोड़ कर चला गया, पता नहीं है. इसकी शिकायत कई बार विभाग से की गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

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