औरंगाबाद (सदर) : जब वार्ड के लोग समस्याओं से घिरे हों और नगर पर्षद भी वार्ड पर ध्यान नहीं दे तो वार्ड का विकास कैसे संभव है. कहीं-कहीं टूटी सड़कें, क्षतिग्रस्त नाली व कचरों का ढेर देख ऐसा लगता है कि नगर पर्षद इन दुरुस्त करने में फेल है. नगर पर्षद के वार्ड संख्या 25 शहर का एक अभिन्न हिस्सा है. शाहपुर मुहल्ले के अंतर्गत आने वाले ये वार्ड जनसंख्या के हिसाब से धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
बहुत से लोग यहां के पुराने वाशिंदे हैं, जो नगर पर्षद के विकास कार्य को भली भांति समझते भी हैं और उसे होते देखे भी हैं. वार्ड में नये लोगों के बसने से मकानों की संख्या बढ़ी है. जाहिर है ऐसे में घर से निकलने वाले मलबे, कचरे व नाली का पानी भी बढ़ा होगा. पर, इस वार्ड के विकास के लिए रुपये हमेशा कम ही रखा गया. वार्ड पार्षद के प्रयास से वार्ड में कई जगहों पर पीसीसी सड़क व नाली बनायी गयी. लोगों के घर से होकर निकलने वाले नालियों को एक साथ जोड़ा गया है. फिर भी वार्ड स्वच्छता के मामले में पीछे है.
पेयजल के लिए चापाकल भी लगाये गये, लेकिन उसकी संख्या कम होने से लोग पेयजल की सुविधा से वंचित रहते हैं. वार्ड 25 की पार्षद बिंदा देवी दूसरी बार वार्ड से चुन कर नगर पर्षद में भेजी गयी. यहां तक कि नगर पर्षद में इन्हें स्थायी समिति में शामिल किया गया. पर, वार्ड को लाभ देने के वक्त इन्हें उपेक्षित कर दिया गया. यहां सफाई व्यवस्था अन्य वार्डों की अपेक्षा ठीक है, पर जागरूकता की बेहद आवश्यकता है. लोग कूड़ेदान का प्रयोग ने कर नालियों में कचरे में फेंका करते हैं. यहां मकान से निकलने वाले मलबे भी नालियों में फेंक देने से समस्या उत्पन्न हो जाती है.