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यादव कॉलेज को सुंदर दिखने के लिए बन रहा पार्किंग

यादव कॉलेज को सुंदर दिखने के लिए बन रहा पार्किंग पढ़ाई के लिए दर्जनों विषय के शिक्षक नहीं पढ़ाई ठीक से नहीं होने से छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ी (फोटो नंबर-14)कैप्शन- रामलखन सिंह यादव कॉलेज औरंगाबाद (नगर) एक तरफ बिहार में गिरती शिक्षा को उच्च स्तर तक ले जाने के लिए कई तरह से प्रयास किये […]

यादव कॉलेज को सुंदर दिखने के लिए बन रहा पार्किंग पढ़ाई के लिए दर्जनों विषय के शिक्षक नहीं पढ़ाई ठीक से नहीं होने से छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ी (फोटो नंबर-14)कैप्शन- रामलखन सिंह यादव कॉलेज औरंगाबाद (नगर) एक तरफ बिहार में गिरती शिक्षा को उच्च स्तर तक ले जाने के लिए कई तरह से प्रयास किये जा रहे है. सरकार से लेकर विभाग द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता के लिए करोड़ों रुपये खर्च की जा रही है. इसके बावजूद भी शिक्षा की गुणवत्ता छात्र-छात्राओं को नहीं मिल रही है. इससे ज्यादा परेशानी तब होती है जब छात्र-छात्राएं प्रतियोगिता में जाते हैं. इस मुख्य कारण आज प्राइमरी स्कूल से लेकर डिग्री कॉलेजों तक में शिक्षकों की कमी है. छात्र-छात्राओं तो किसी तरह मैट्रिक, इंटर, स्नातक सहित अन्य कोर्सों का सर्टिफिकेट तो ले लेते है, लेकिन उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जानकारी नहीं मिल पाती है. इस ओर न तो राज्य सरकार का ध्यान है और न ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों का. शहर के रामलखन सिंह यादव कॉलेज में जिस उद्देश्य के साथ डिग्री कॉलेज की स्थापना की गयी थी, आज व प्राइमरी स्कूल से बदतर है. यहां न तो विषय वार शिक्षक हैं और न ही किसी अन्य तरह की सुविधाएं. हालांकि, कॉलेज को सुंदर बनाने के लिए पार्किंग सहित अन्य तरह से तो प्रयास जारी है, लेकिन शिक्षकों की कमी सब कुछ बेकार कर देती है. आज यादव कॉलेज की शिक्षा स्तर काफी खराब है. यहां तो न ही विषयवार शिक्षक हैं और न ही सही से छात्रों की पढ़ाई होती है . स्टूडेंट्स प्रतिदिन नहीं आते कॉलेज रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य डाॅ फूलो पासवान ने कहा कि कॉलेज में इंटर, स्नातक, बीसीसी व वोकेशनल की पढ़ाई होती है. कॉलेज में पढ़ाई के पीछे छात्रों की भी घोर लापरवाही है. छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन कॉलेज आने के लिए कई बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन छात्र कॉलेज आने में रुचि ही नहीं रखते हैं. जितने शिक्षक हैं उनलोगों द्वारा क्लास लिया जाता है. कई बार तो छात्रों को दंडित भी किया गया लेकिन वे इससे बाज नहीं आते. यहां शिक्षकों की तो कमी है ही. पर जितने शिक्षक हैं उनलोगों द्वारा ही छात्राओं को पूर्ण तरीके से पढ़ाई करायी जाती है. छात्र-छात्राओं को सुविधा के लिए हर तरह से प्रयास किये जा रहे हैं. शिक्षा की गुणवत्ता पर भी कॉलेज प्रबंधन का खासा नजर है. तत्काल कॉलेज को सुंदर व स्वच्छ बनाने के दिशा में भी कार्य जारी है. उन्होंने बताया कि कॉलेज में जितने शिक्षकों का होना चाहिए था उतना नहीं है. विभाग को कई बार आवेदन लिखा गया लेकिन अभी तक कुछ खास पहल नहीं हुई. कॉलेज में शिक्षकों व कर्मचारियों की सूचीविषय पद नियुक्तहिंदी 3 0गणित 1 1मनोविज्ञान 2 0अर्थशास्त्र 2 0इतिहास 2 0भूगोल 1 0समाजशास्त्र 1 0राजनीतिक शास्त्र 2 1दर्शनशास्त्र 1 0अंगरेजी 1 1प्राचीन इतिहास 1 0जंतु विज्ञान 1 0वनस्पति विज्ञान 1 0प्रभारी भूगोल 2 0प्रभारी मनोविज्ञान 2 0पीटीआइ 1 0चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी 12 6

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