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न कूड़े का उठाव न ही नालियों की सफाई

न कूड़े का उठाव न ही नालियों की सफाई नगर पार्षद के वार्ड 24 में विकास के लिए मिले मात्र 20 लाख रुपये (फोटो नंबर-28,29)कैप्शन- मदरसा के बगल में लगा कूड़े का अंबार, निर्माणाधिन नाली औरंगाबाद(सदर) किसी को लाख तो किसी को खाख वाले कथन को सच होते वार्ड 24 में देखा जा सकता है. […]

न कूड़े का उठाव न ही नालियों की सफाई नगर पार्षद के वार्ड 24 में विकास के लिए मिले मात्र 20 लाख रुपये (फोटो नंबर-28,29)कैप्शन- मदरसा के बगल में लगा कूड़े का अंबार, निर्माणाधिन नाली औरंगाबाद(सदर) किसी को लाख तो किसी को खाख वाले कथन को सच होते वार्ड 24 में देखा जा सकता है. नगर पर्षद के वार्ड संख्या 24 का जायजा मंगलवार को लिया गया. इस वार्ड की स्थिति देख साफ जाहिर होता है कि वार्ड पर नगर पर्षद के पदाधिकारी व मुख्य पार्षद का ध्यान कम रहा है. तभी तो अन्य वार्डों को लाखों रुपये विकास के लिए मिले और इस वार्ड को महज 20 लाख रुपये में संतोष करना पड़ा. वार्ड के क्षेत्रफल के हिसाब से वार्ड को छोटा नहीं आंका जा सकता. वार्ड के अंतर्गत इस्लाम टोली मुहल्ला, शाहगंज, टिकरी रोड व शहर के मुख्य सड़क का कुछ हिस्सा आता है, जहां के विकास के लिए मिले इतने रुपये से विकास संभव नहीं है. वार्ड के इस्लाम टोली मुहल्ले की स्थिति एक लंबे समय तक नरक जैसी रही है. हालांकि, जल्द में नगर विकास योजना से यहां की सड़कों को पीसीसी व नाली का निर्माण कराया गया है. लेकिन सफाई की समस्या अब भी कम नहीं है. यहां सफाई की दरकार है. इसे वार्ड पार्षद पूरा नहीं कर पाते हैं. लोग हल्ला मचाते-मचाते थक गये, पर न कभी वार्ड में कूड़ा उठा और न कभी नाली की सफाई की गयी. बात करें पेयजल की तो यहां दो सरकारी चापाकल लगे हैं, जो लोगों को प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त नहीं है. वार्ड रोशनी के लिए भी तरसती है और सरकारी योजना पर लोग उंगली उठाते हैं. वार्ड में दो विद्यालय हैं. इस्लाम टोली मुहल्ले में मदरसा द्वारा एक सुंदर इमारत बनाया गया है, जहां अनाथ मुसलिम बच्चों को तालिम दी जाती है. वहां देखा जा सकता है कूड़े का अंबार एक टिल्हे का रूप ले लिया है. बच्चों को गंदगी से बीमारियां भी होने की संभावना जतायी जा रही है. वार्ड की इस स्थिति पर हर कोई चिंतित हैं, पर विभाग नहीं.————————-गंदा पानी सड़क पर बहता मुहल्ले में वर्षों से सफाई की समस्या है. आज भी ये समस्या खत्म नहीं है. नाली की सफाई निजी सफाईकर्मियों द्वारा करायी जाती है. मास्टर अफजालशुद्ध पेयजल के लिए लोग आज भी तरसते रहते हैं. दो सरकारी चापाकल के भरोसे पूरा वार्ड निर्भर है. सफाई की समस्या इतनी गंभीर है कि नाली व सड़क बनने के बाद भी कभी-कभी नाली का गंदा पानी सड़क पर बहता है. मोहम्मद नसीमवार्ड के लोगों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ नहीं दिया गया है. नगर पर्षद इस वार्ड पर ध्यान नहीं देता. सफाई के लिए वार्ड पार्षद भी प्रयास करते हैं, पर निजी सफाईकर्मी से ही काम लेना पड़ता है.डॉ ऐजाजवार्ड में जितनी समस्या गिनायी जाये कम है. सफाईकर्मियों की लापरवाही से मुहल्ले की कभी सफाई नहीं हो पाती. वार्ड में नाली व सड़क बनने का कोई फायदा नहीं. पेयजल के लिए चापाकलों की आवश्यकता है.मोहम्मद रउफ ———————-पदाधिकारियों का नहीं मिलता सहयोग वार्ड पार्षद मोहम्मद फारूख ने बताया कि वार्ड 24 के लिए सब उपेक्षित रवैया रखते हैं. किसी पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि का सहयोग नहीं मिलता. वार्ड को इन तीन वर्षों में मात्र 20 लाख रुपये मिले, जिससे पीसीसी सड़क व नाली बनाया गया. वार्ड में मिले 15 एलइडी व सीएफएल लाइट भी पर्याप्त नहीं है. शहरी विकास योजना से मिलने वाले रुपये की सूची से नाम काट कर इस वार्ड को अलग कर दिया गया और दूसरे वार्डों को यहां के रुपये उपलब्ध करा दिये गये. अभी तक 60 प्रतिशत लोगों को ही राशन कार्ड का लाभ मिल पाया है. वार्ड का विकास बिना नगर पर्षद के सहयोग के संभव नहीं है. बाहरी सफाईकर्मी पार्षदों की बात सुनते ही नहीं, हमेशा कहीं न कहीं व्यस्त होने का बहाना करते रहते हैं.

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