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इंटर में भौतिकी, रसायन शास्त्र, जूलोजी व अंगरेजी के शक्षिक नहीं

इंटर में भौतिकी, रसायन शास्त्र, जूलोजी व अंगरेजी के शिक्षक नहीं अनुग्रह कन्या इंटर स्कूल में 2500 छात्राएं को पढ़ने के लिए मात्र 10 कमरे मात्र एक शौचालय होने से छात्राओं की होती है परेशानी (फोटो नंबर-13)कैप्शन- एक बेंच पर पांच छात्राएं बैठकर करते पढ़ाई औरंगाबाद (नगर) राज्य सरकार सभी विद्यालयों में शिक्षा के क्षेत्र […]

इंटर में भौतिकी, रसायन शास्त्र, जूलोजी व अंगरेजी के शिक्षक नहीं अनुग्रह कन्या इंटर स्कूल में 2500 छात्राएं को पढ़ने के लिए मात्र 10 कमरे मात्र एक शौचालय होने से छात्राओं की होती है परेशानी (फोटो नंबर-13)कैप्शन- एक बेंच पर पांच छात्राएं बैठकर करते पढ़ाई औरंगाबाद (नगर) राज्य सरकार सभी विद्यालयों में शिक्षा के क्षेत्र में हर तरह की सुविधा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. यही नहीं इस दिशा में करोड़ों रुपये खर्च भी किये जा रहे हैं, इसके बावजूद विद्यालयों की स्थिति में सुधार नहीं आ रही है. शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा प्रतिशत बढ़ाने के लिये पढ़ाई के साथ-साथ कई योजनाएं भी चलायी जा रही है, लेकिन यह धरातल पर लोगों को समूचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. शहर के अनुग्रह कन्या इंटर स्कूल जहां शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से लगभग ढाई हजार छात्राएं पढ़ाई के लिए आती है, लेकिन छात्राओं को संसाधनों व शिक्षकों की कमी से काफी परेशानी होती है. यहां न तो विषयवार शिक्षक हैं और न ही समुचित संसाधन. किसी तरह छात्राओं को मैट्रिक व इंटर की डिग्री तो मिल जाती है, लेकिन दिमागी नॉलेज नहीं मिल पाता. इस विद्यालय की स्थिति काफी खराब है. इस पर न तो राज्य सरकार ध्यान दे रही है और न ही शिक्षा विभाग. आज हालत यह है कि यहां इंटर में कई विषय के शिक्षक भी नहीं हैं. वहीं कमरों की घोर कमी है. यहां तक कि पर्याप्त मात्रा में शौचालय भी नहीं है, जिससे छात्राओं की परेशानी होती है. विभाग नहीं कर रही कोई पहल : प्राचार्य दशमी राम ने बताया कि इस विद्यालय में नौंवी से इंटर तक की छात्राओं की पढ़ाई होती है. नौवीं में 1157, 10वीं में 1158 व इंटर में 351 छात्राएं हैं. इन सभी छात्राओं के पढ़ाने के लिए यहां 19 शिक्षक व 16 शिक्षिकाएं हैं. इंटर में भौतिकी, रसायनशास्त्र, जूलोजी व अंगरेजी के एक भी शिक्षक नहीं हैं, जिससे पठन-पाठन में थोड़ी परेशानी होती है. प्राचार्य ने बताया कि लगभग ढ़ाई हजार छात्राओं के बावजूद कमरों की घोर कमी है. अभी मात्र 10 कमरे हैं, जिनमें किसी तरह पढ़ाई होती है. यहां शिक्षक, भवन के अलावे शौचालय की घोर कमी है. यहां एक शौचालय हैं भी तो छात्राओं की संख्या की अपेक्षा न के बराबर ही साबित होती है. उन्होंने बताया कि गर्ल्स विद्यालय में शौचालय नहीं होना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. शौचालय व भवन बनाने के लिए कई बार विभाग व अधिकारियों को आवेदन दिया गया है, लेकिन अभी तक कुछ खास पहल नहीं की गयी है.

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