सूर्यवंश और चंद्रवंश के मिलन का प्रमाण देती उमगा की ये दूर्लभ मूर्तियां, मिल रहे साक्ष्य(फोटो नंबर-33,34)कैप्शन- सूर्य ओर चंद्रवंश का प्रमाण देती मूर्ति, उमगा पर बनी डॉक्यूमेंट्री का प्रोमो पोस्टर ओम प्रकाश प्रीतऔरंगाबाद(सदर): मदनपुर प्रखंड स्थित उमगा प्राचीन काल में उमगा नगर के नाम से प्रसिद्ध था, भले ही आज उमगा की पहाडि़यां विरान हैं लेकिन उसके गर्भ में मानव जीवन का साक्ष्य एवं सभ्यता और संस्कृति छिपी है. जहां सूर्यवंश और चंद्रवंश के मिलन का भी प्रमाण मिलता है. भारतीय कला अपनी प्राचिनता तथा विविधता के लिये विख्यात रही है. कला शब्द का प्रयोग होते ही उसका अभिप्राय दृष्टि मूलक कला से होता है. विद्वानों का मानना है कि प्राचीन काल में चित्रकला, वास्तुकला एवं मूर्ति कला तीनों मिले हुये थें. साथ ही ये धर्म से भी प्रेरित रहे हैं. तभी तो कलाकार व शिल्पी धर्माचार्यो के निर्देशानुसार काम किया करते थें. पर उस वक्त भी कलाकार अपनी अभिव्यक्तियां कला का प्रदर्शन करते समय संसार को जैसा देखा वैसे दिखाने का प्रयास किया करते थे. जिसका साक्ष्य आज भी कहीं-कहीं विशेषज्ञ व पुरातात्ववीद और स्थानीय लोग देते हैं. मदनपुर क्षेत्र के तीन मंदिरों में पाये गये कुछ मूर्तियां ये प्रमाण देती है कि उमगा सूर्यवंश एवं चंद्रवंश का मिलन स्थल रहा है. धर्मवीर फिल्म टीवी प्रोडक्शन द्वारा उमगा पर किये गये शोद्ध एवं उमगा पहाड़ी पर बनायी जा रही डॉक्यूमेंट्री हैरिटेज ऑफ मगध ‘ उमगा’ द टेम्पल्स माउंटेन के शुटिंग के दौरान तीनांे मंदिर में स्थापित मूर्तियां स्पष्ट रूप से सामने आयी. जिसके बाद इसकी पुष्टि पुजारियों ने भी की. उमगा के मुख्य पूजारी बालमुकुंद पाठक ने बताया कि उमगा नगर के सूर्यवंश और चंद्रवंश का पाणी ग्रहण संस्कार का साक्ष्य शिल्पकारांे द्वारा पत्थरो पर खोदे गये तथ्य देते हैं.यही से सूर्य एंव चंद्रवंश के बीच वैवाहिक संबंध स्थापित हुआ था. जैसा कि शिल्पकार और मूर्तिकारों ने वर्तमान में मंदिर में स्थापित मूर्तियों में दर्शाया है कि दो स्त्री पुरूष अपने-अपने हाथों में वरमाला लिये खड़े हैं. सूर्य के नीचे पुरूष और चंद्रमा के नीचे वर माला लिये स्त्री खड़ी है, मूर्ति के बीच में साधु का भी उल्लेख किया गया है. साथ ही मूर्ति में आर्श्िावाद मुद्रा के रूप में एक हाथ को भी दर्शाया गया है जो उठा हुआ है और दोनो वर वधु को आर्शिवाद दे रहा है. ऐसी प्रतिमा प्रथम मदनपुर के उमगा गांव के मंदिर में दूसरा मदनपुर देवी मंदिर मे ंएवं तीसरा मदनपुर पोखरा के शिव मंदिर में देखने को मिलता है. पूजारी बालमुकुंद पाठक बताते हैं कि इससे संबंधित कई साक्ष्य और हैं जो संग्रहित हैं. जिन्हें प्रस्तुत किया जा सकता है. ये कहते हैं कि सूर्यवंशी और चंद्रवंशी के मिलन व विवाह से संबंधित शिलापट्ट भी उमगा के पहाडि़यों में पाये जाते हैं. जो कई भाषाओं में हैं.
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सूर्यवंश और चंद्रवंश के मिलन का प्रमाण देती उमगा की ये दूर्लभ मूर्तियां, मिल रहे साक्ष्य(फोटो नंबर-33,34)कैप्शन- सूर्य ओर चंद्रवंश का प्रमाण देती मूर्ति, उमगा पर बनी डॉक्यूमेंट्री का प्रोमो पोस्टर
सूर्यवंश और चंद्रवंश के मिलन का प्रमाण देती उमगा की ये दूर्लभ मूर्तियां, मिल रहे साक्ष्य(फोटो नंबर-33,34)कैप्शन- सूर्य ओर चंद्रवंश का प्रमाण देती मूर्ति, उमगा पर बनी डॉक्यूमेंट्री का प्रोमो पोस्टर ओम प्रकाश प्रीतऔरंगाबाद(सदर): मदनपुर प्रखंड स्थित उमगा प्राचीन काल में उमगा नगर के नाम से प्रसिद्ध था, भले ही आज उमगा की पहाडि़यां विरान […]
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