औरंगाबाद (नगर) : ठेके पर बहाल बिहार राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले एक जून से धरना के माध्यम से आंदोलन कर रहे हैं. शुक्रवार को पांचवें दिन भी आंदोलन जारी रहा. सदर अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य कर्मियों ने धरना दिया. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर हैं और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो चुकी है.
लेकिन, इस ओर राज्य सरकार का कोई ध्यान नहीं है. सरकार न तो स्वास्थ्य कर्मियों के बारे में सोच रही है और न ही स्वास्थ्य सेवाओं पर. इससे अस्पताल में इलाज कराने के लिए आ रहे मरीजों को परेशानी हो रही है.
कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सेवा को स्थायी और वेतनमान पर विचार नहीं किया जायेगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी. संघ के आह्वान पर पूरे राज्य के स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. पिछले दस सालों से स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहे हैं और आज सरकार की इस अड़ियल रवैये के कारण यह सभी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. संघ के जिलाध्यक्ष कुमार मनोज ने कहा कि मांगों से संबंधित आवेदन जनप्रतिनिधियों के अलावा सांसद, विधायक एवं प्रभारी मंत्री को भी दिया गया है.
जनप्रतिनिधियों द्वारा आश्वासन दिया गया है कि मांगों से संबंधित आवेदन वरीय अधिकारी एवं मुख्यमंत्री को देकर इस पर विचार किया जायेगा. गुरुवार की रात कर्मियों ने सरकार के विरोध में कैंडल मार्च सदर अस्पताल से रमेश चौक तक निकाला था. कहा कि अब तक आंदोलन धरना के माध्यम से किया जा रहा है. सोमवार से उग्र आंदोलन किया जायेगा. जरूरत पड़ी तो जिले के सभी अस्पतालों में तालाबंदी की जायेगी.
सचिव नागेंद्र कुमार ने बताया कि राज्य स्तरीय संघ के आह्वान पर जिले के स्वास्थ्यकर्मी शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे हैं और जरूरतमंद जनस्वास्थ्य की भी ख्याल रखा जा रहा है.
इस मौके पर विकास रंजन, अश्विनी कुमार, दीपक कुमार, रवि प्रकाश, हेमंत राजन, दयानंद चौरसिया, अनीता मेहता सहित सभी डाटा ऑपरेटर, लेखापाल, यक्ष्माकर्मी, एसटीएस, एसटीएलएस, पारामेडिकल कर्मी, 102 एंबुलेंसकर्मी, एएनएम, परिचारिका, आशा व ममता शामिल थे.