औरंगाबाद (ग्रामीण) : 10 वर्ष पहले मां की मौत हो गयी. शादी की दहलीज तक पहुंचने से पहले पिता भी विक्षिप्त हो गया. घर में अकेली रह रही प्रियंका भी कई सपने देखे थे. अब तो शादी की उम्र भी हो चुकी थी. लेकिन, इसकी चिंता करने वाले ही असमर्थ थे. परिवार के अन्य लोग भी मुंह मोड़ लिये.
ऐसे में एक अकेली युवती को ससुराल भेजने का बीड़ा उठाया सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उठाया. गांव के ही कुछ लोगों ने प्रियंका के लिए वर खोज कर उसकी शादी धूमधाम व रीति रिवाज के साथ करायी. मामला है देव प्रखंड के एरौरा गांव का. रविवार की शाम एरौरा मठ के राधा-कृष्ण मंदिर में मुरारी प्रसाद की पुत्री प्रियंका कुमारी की शादी नरची निवासी श्याम सुंदर सिन्हा के साथ हुई. भगवान राधा-कृष्ण दोनों शादी के साक्षी बने और स्थानीय सरपंच निर्मला देवी, पंचायत समिति प्रतिनिधि राजेश सिंह, त्रिपुरारी ठाकुर, विंदेश्वरी सिंह, सुनील गुप्ता आदि गवाह बने.
गांव के ही समाजसेवी रत्नेश कुमार दुल्हन का भाई बन कर लावा छिटने की परंपरा को निभाया. राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी पूरण दास लड़की की पिता की भूमिका निभायी व हिंदू रीति रिवाज के साथ प्रियंका को बेटी मान कन्या दान किया. समाजसेवी कंचनदेव सिंह ने बताया कि प्रियंका के परिवार के लोग बाहर रहते हैं. लेकिन किसी ने भी उसके परिवार की सुधि नहीं ली. ग्रामीणों ने पूरे रीति रिवाज के साथ उसकी शादी करायी और फिर उसे ससुराल भेज दिया गया. ग्रामीणों ने अपने सहयोग से लड़की को हर संभव उपहार भी दिया. बरात में आये लोगों का स्वागत भी किया गया.