औरंगाबाद (नगर) : जिला मुख्यालय के दानी बिगहा में लाखों रुपये की लागत से बनाया गया बस स्टैंड अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यहां प्रतिदिन हजारों यात्री बस, ऑटो, सूमो, जीप व अन्य वाहनों की सेवा लेने पहुंचते हैं.
लेकिन, यहां यात्रियों को पानी पीने के लिए न तो एक भी चापाकल है और न ही शौचालय की व्यवस्था. इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी होती है. जबकि, इस बस स्टैंड से नगर परिषद को प्रतिवर्ष लाखों रुपये का राजस्व मिलता है. यहां पर न तो लाइट की व्यवस्था है और न ही यात्रियों को ठहराने की.
सबसे अधिक परेशानी देर रात स्टेशन से आनेवाली बसों से उतरनेवाले यात्रियों को घर पहुंचने में होती है. लाइट नहीं रहने के कारण यहां पर एक भी वाहन नहीं रहता है. अंधेरे का फायदा उठा कर अपराधी यात्रियों से छिनतई जैसे घटनाओं को भी अंजाम दिया जाता है. इससे यात्री देर रात में यहां उतरने से डरते हैं.
पुलिस गश्ती की कमी है. हालांकि, जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह ने इस स्टैंड का जीर्णोद्धार करने की बात कही थी. लेकिन, अब तक कुछ नहीं हुआ. मुख्यमंत्री के आगमन के समय यहां पर आनन–फानन में चापाकल व लाइट लगायी गयी थी. लेकिन, उनके जाते ही दोनों खराब हो गये. बस स्टैंड के एजेंट का कहना है कि चापाकल व लाइट नहीं लगायी गयी, तो विवश होकर आंदोलन करेंगे.