औरंगाबाद (नगर): दो दिन पहले जिले में हुई बारिश से किसानों के चेहरे तो जरूर खिल गये, लेकिन यूरिया खाद के लिए दुकानों पर मारामारी करना पड़ रहा है. बावजूद यूरिया खाद आवश्यकतानुसार किसानों को नहीं मिल पा रहा है. इससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है. दुकानदारों द्वारा वैसे किसानों को खाद दे रहे हैं जो मनमानी रुपये दुकानदार को दे रहे हैं.
सदर प्रखंड के जम्होर में किसान यूरिया खाद के लिए दुकान का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है. यही हालत दाउदनगर, बारुण, देव, नवीनगर, रफीगंज समेत अन्य प्रखंडों के बाजारों की है.
बारिश होने से किसानों में खुशी थी. बारिश से ही पटवन होने पर गेहूं में खाद सभी किसान डालना चाह रहे हैं. बारिश होने पर खाद की मांग होने पर दुकानदार जम कर फायदा उठा रहे हैं. किसान अरविंद कुमार सिंह, सत्येंद्र सिंह, बुधन साव, रामजी प्रजापत ने बताया कि गेहूं की फसल में अभी यूरिया खाद डालने की अत्यंत जरूरी है. लेकिन, जब दुकान पर यूरिया खाद लेने के लिए जा रहे हैं तो पहले दुकानदार द्वारा यह कहा जा रहा है कि खाद की किल्लत है. जरूरत के अनुसार यूरिया खाद हम नहीं दे सकते हैं. जब मजबूरी सुना रहे हैं तो चार सौ से साढ़े चार सौ रुपये प्रति बोरी यूरिया खाद का कीमत दुकानदारों द्वारा मांगा जा रहा है. जबकि बाजार मूल्य 284 रुपये है. जबकि हमलोग मजबूरीवश 320 रुपये प्रति बोरा दे रहे हैं, तो खाद दिया जा रहा है.
26 हजार मीटरिक टन खाद की जरूरत : जिले में 26 हजार मीटरिक टन खाद की आवश्यकता है. अभी तक 16 हजार मीटरिक टन खाद जिले को प्राप्त हो चुका है. इसे विभाग द्वारा दुकानदारों के बीच वितरित भी किया जा चुका है. बावजूद खाद किसानों को नहीं मिल पा रहा है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी: इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी शैलेंद्र ओझा ने कहा कि जिले में यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है. बल्कि दुकानदार के पास पर्याप्त मात्र में खाद उपलब्ध है. 284 रुपये प्रति बोरा यूरिया खाद बेचना है. उन्होंने कहा कि जो दुकानदार किसान को खाद नहीं दे रहे हैं, वे सीधे संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी व प्रखंड कृषि पदाधिकारी के पास शिकायत करें. हर हाल में दुकानदार के ऊपर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि जो दुकानदार खाद की कालाबाजारी करेंगे और अधिक रुपये वसूली करेंगे, वैसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी.