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70 फीसदी मरीजों को करना था चिह्न्ति

औरंगाबाद (नगर) : बुधवार को बिहार राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मेजर केएन सहाय ने सदर अस्पताल स्थित यक्ष्मा विभाग का निरीक्षण किया व विभाग के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की. राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ सहाय ने कहा कि कार्यो के मूल्यांकन के उद्देश्य से टीम द्वारा औरंगाबाद जिले में टीबी सेंटर की जांच करायी […]

औरंगाबाद (नगर) : बुधवार को बिहार राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मेजर केएन सहाय ने सदर अस्पताल स्थित यक्ष्मा विभाग का निरीक्षण किया व विभाग के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की.
राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ सहाय ने कहा कि कार्यो के मूल्यांकन के उद्देश्य से टीम द्वारा औरंगाबाद जिले में टीबी सेंटर की जांच करायी गयी थी. इसमें काफी सुधार की आवश्यकता है. 70 प्रतिशत टीबी के मरीजों को चिह्न्ति करना है. लेकिन, औरंगाबाद जिले में केवल 39 प्रतिशत ही खोज हो पायी है जो एक चिंतनीय व निंदनीय है. टीबी से ग्रसित मरीजों का इलाज करना है.
टीबी की जांच तेजी से हो रही है या नहीं, दवा मिल रहा है या नहीं, इन्हीं सभी बिंदुओं पर जांच करने के लिए औरंगाबाद आये हैं. लेकिन, जांच के दौरान जो भी कुछ प्राप्त हुआ है, वह औसत से कम है. इसमें प्रगति लाने की जरूरत है. जिले में 1105 मरीज टीबी के मिले हैं, जिनका इलाज यक्ष्मा विभाग द्वारा किया जा रहा है.
केंद्र सरकार ने निजी क्लिनिकों में होनेवाले टीबी से ग्रसित मरीजों के इलाज का पूरा ब्योरा सिविल सजर्न या यक्ष्मा पदाधिकारी को देने की सूचना जारी की है. ताकि, पता चल सके कि सरकारी अस्पतालों व निजी क्लिनिकों में कितने मरीज जा रहे हैं. निजी क्लिनिकों के जो मरीज सूचना नहीं देंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि औरंगाबाद जिले में प्रचार-प्रसार की काफी कमी है. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी को टीबी रोग से संबंधित प्रचार-प्रसार युद्ध स्तर कराने का निर्देश दिया गया है.

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