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सोमवार को रफीगंज के कासमा में दहेज के लिए जला दी गयी थी एक महिला

औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद िजले में िपछले तीन िदनों के अंदर दहेज के िलए दो महिलाओं की हत्या कर दी गयी. सोमवार की रात जहां रफीगंज में घटना हुई, वहीं ताजा मामला हसपुरा थाना क्षेत्र के जैतपुर गांव का है. यहां दहेज के लिए एक महिला की ससुरालवालों ने पहले बेहरमी से पिटाई की फिर […]

औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद िजले में िपछले तीन िदनों के अंदर दहेज के िलए दो महिलाओं की हत्या कर दी गयी. सोमवार की रात जहां रफीगंज में घटना हुई, वहीं ताजा मामला हसपुरा थाना क्षेत्र के जैतपुर गांव का है. यहां दहेज के लिए एक महिला की ससुरालवालों ने पहले बेहरमी से पिटाई की फिर गला दबा कर हत्या कर दी. घटना काे अंजाम देने के बाद ससुराल वाले फरार हो गये. प्राप्त जानकारी के अनुसार, अरवल जिले के कलेर थाना क्षेत्र के जबार बिगहा गांव के निजामुद्दीन अंसारी ने अपनी 25 वर्षीय बेटी सोनी परवीन की शादी जैतपुर गांव में मुस्लिम रिवाज के साथ वर्ष 2011 में शाहिद अंसारी के साथ की थी.

ससुरालवालों द्वारा दहेज के रूप में 50 हजार रुपये की मांग लगातार की जा रही थी. नहीं देने पर विवाहिता को अक्सर पीटा जाता था. कई बार पंचयती भी गांव में हुई थी. पांच दिन पहले महिला के मायके वाले जैतपुर गांव पहुंचे व पंचायती करवायी, जिसमें निर्णय लिया गया था अब उसके साथ मारपीट नहीं की जायेगी, लेकिन ससुराल वालों ने बुधवार को सोनी परवीन की हत्या कर दी. इस घटना से संबंधित प्राथमिकी मृतका के पिता निजामुदीन अंसारी के बयान पर हसपुरा थाने में दर्ज की गयी है,

जिसमें पति शाहीद अंसारी, ससुर हाफिज अंसारी, भसुर खुर्शीद अंसारी व गोतनी खैरुनिशां सहित अन्य परिजनों पर मारपीट कर गला दबा कर हत्या करने का मामला दर्ज कराया गया है. प्राथमिकी में कहा गया है कि गुरुवार को किसी ने फोन कर बताया कि उनकी बेटी की हत्या कर दी गयी है. जब वह अपनी बेटी के घर गये, तो वह मृत पड़ी हुई थी.

घर में कोई नहीं था. उसे पीट कर व उसके बाद गला दबा कर हत्या कर दी गयी थी. हसपुरा पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. गौरतलब है कि जिले में महिलाओं के प्रति होनेवाले अत्याचार के आंकड़े को देखें, तो पिछले 20 दिनों में करीब आठ महिलाओं की हत्या हुई है. इसमें अधिकतर मामले दहेज हत्या से जुड़े हुए हैं. इस पर प्रशासन को सख्त होना होगा. साथ जागरूकता कार्यक्रम भी चलाने होंगे.

दहेज नहीं देने को लेकर बुधवार को हसपुरा में हुई थी गला दबा कर हत्या
आगे आएं और लड़ें कुप्रथाओं के खिलाफ
औरंगाबाद जिले में तीन दिनों के अंदर हुईं दहेज हत्याओं ने मानवता को शर्मसार किया है. अजादी के 70 साल बाद भी कुछ लोग जकड़ी मानसिकता से उबर नहीं सके हैं. दिखावे व झूठी शान के चक्कर में जिंदगियों की परवाह नहीं कर रहे. भले ही ऐसी कुप्रथाओं से लड़ने के लिए सरकार ने कानून बनाये हैं, पर इसके खात्मे के लिए लोगों को ही आगे आना होगा. देश जहां तरक्की के नये शिखर को छू रहा, वहीं ऐसी घटनाएं हमें पीछे ढकेलने को अमादा हैं. दहेज न तो जात देखता है और धर्म. यह सबके लिए घातक है. वैसे भी देश में आये दिन लड़कियों की संख्या कम होती जा रही, ऐसे में इस कुकृत्य को दूर करने के लिए सबको एक-साथ जोर लगाना होगा.
महज एक बाइक के लिए सोमवार को एक गर्भवती की हुई थी हत्या
रफीगंज के कासमा थाना क्षेत्र के खैरा मनोरथ गांव में सोमवार की रात महज एक बाइक के लिए ससुरालवालों ने अपनी गर्भवती बहू को जला कर मार डाला और साक्ष्य छुपाने की नीयत से आनन-फानन में शव को आधी रात में ही जला दिया. देव थाना क्षेत्र के पिपरडीह गांव के रामानुज सिंह के बेटे व मृतका के भाई विकास कुमार ने मामले की प्राथमिकी दर्ज करायी है. प्राथमिकी में विकास ने बताया है कि वर्ष 2014 में उसकी बहन प्रियंका कुमारी की शादी कासमा थाना क्षेत्र के खैरा मनोरथ गांव निवासी जयप्रकाश सिंह के बेटे गुड्डू सिंह के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए हमेशा प्रताड़ित किया जा रहा था.
दहेज में बाइक की मांग बराबर की जा रही थी. मंगलवार की सुबह ग्रामीणों के द्वारा फोन से घटना की सूचना मिली. खबर मिलते ही खैरा मनोरथ गांव पहुंचा तो वहां अपनी बहन को नहीं पाया. पता चला कि उसका दाह संस्कार भी कर दिया गया है. मृतका छह माह की गर्भवती थी.बावजूद इसके दहेज लोभियों को दया नहीं आयी और सबों ने मिल कर उसे जला दिया. पता चला कि मृतका के दो बच्चे भी थे, जिनमें तीन वर्षीय पुत्र मयंक व दो वर्षीय पुत्री माही शामिल है.
जिले में विगत 20 दिनों में हुईं हत्याएं
13 अप्रैल को औरंगाबाद शहर के पास बाला कर्मा गांव में सुलेखा देवी की धारदार हथियार से हत्या
13 अप्रैल को जम्होर के महथू बिगहा में गुड़िया देवी की संदेहास्पद मौत, आत्महत्या का शक
26 अप्रैल को हसपुरा के बघोई टोले तार बिगहा में ललिता कुमारी की जला कर हत्या
28 अप्रैल को रफीगंज के लहास में विवाहिता अनीता देवी की हत्या,साक्ष्य छुपाने के नीयत से जलाया शव
30 अप्रैल को माली थाना क्षेत्र के धमनी गांव में दहेज को लेकर डिंपल देवी की हत्या
30 अप्रैल को गोह प्रखंड के चपरा गांव में महिला रुक्मिणी देवी की पीट-पीट कर हत्या
30 अप्रैल को रफीगंज के खैरा मनोरथ गांव में दहेज के लिए प्रियंका कुमारी की हत्या
दो मई को हसपुरा के जैतपुर में सोनी परवीन की दहेज के लिए गला दबा कर हत्या
दहेज के खिलाफ बने कानून को समझें
दहेज लेना-देना या इसे बढ़ावा दिया जाना दंडनीय अपराध है, जिसमें कम से कम पांच साल की सजा और कम से कम 15,000 या दहेज की राशि (दोनों में जो अधिक हो) मूल्य के जुर्माने का प्रावधान है. दहेज की मांग करना भी दंडनीय है, जिसके लिए छह महीने से लेकर दो साल तक सजा हो सकती है. इसके अतिरिक्त 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
कैसे करें शिकायत
अगर आप दहेज की प्रताड़ना को झेल रही हैं, तो आप इसकी तुरंत शिकायत दर्ज करा सकती हैं. कोई व्यक्ति निकट के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा सकता है. शिकायत विवाह के 10 वर्ष के भीतर दर्ज करवायी जा सकती है. कोई मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट या प्रथम श्रेणी का न्यायिक मजिस्ट्रेट अपने विचार से या पुलिस द्वारा दिये रिपोर्ट या पीड़ित व्यक्ति या माता-पिता या किसी संबंधी द्वारा या किसी मान्यता प्राप्त कल्याण संस्था या संगठन द्वारा दर्ज करायी शिकायत पर इस अधिनियम के तहत संज्ञान लिया जा सकता है.

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