एक अन्य दुकान में भी आग लगाने का प्रयास
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भीतरी बाजार में शृंगार दुकान में लगायी आग, लाखों का नुकसान
एक अन्य दुकान में भी आग लगाने का प्रयास पुलिस को झेलना पड़ा व्यवसायियों का आक्रोश सांसद ने की कार्रवाई की मांग औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद शहर के भीतरी बाजार (अंदर मार्केट) में मंगलवार की रात अपराधियों ने रंजीत गोसाईं नामक व्यवसायी के शृंगार की दुकान को आग के हवाले कर दिया. इस घटना में […]
पुलिस को झेलना पड़ा व्यवसायियों का आक्रोश
सांसद ने की कार्रवाई की मांग
औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद शहर के भीतरी बाजार (अंदर मार्केट) में मंगलवार की रात अपराधियों ने रंजीत गोसाईं नामक व्यवसायी के शृंगार की दुकान को आग के हवाले कर दिया. इस घटना में लगभग सात लाख रुपये के सामान जल कर राख में बदल हो गये. पास के ही गोसाईं पार्चून दुकान में भी आग लगाने की कोशिश की गयी, पर किसी तरह आग नहीं लग सकी. इधर इस घटना के विरोध में बुधवार की सुबह भीतरी बाजार के व्यवसायी आक्रोशित हो गये और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. मामले की छानबीन करने पहुंचे नगर थाना के पुलिस पदाधिकारियों को फजीहत झेलना पड़ी.
एसडीपीओ अनूप कुमार ,थानाध्यक्ष राजेश वर्णवाल मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का भरोसा देकर व्यवसायियों को शांत कराया. कुछ ही क्षण में सांसद सुशील कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और व्यवसायियों से काफी देर तक बातचीत की. सांसद ने कहा कि शहर को बदनाम करने की कोशिश की गयी है. जिला प्रशासन व्यवसायियों को सुरक्षा देते हुए शहरी इलाके में गश्ती बढ़ाये और गंभीरता से जांच कर अपराधियों को गिरफ्तार करे. इधर व्यवसायियों ने काफी देर तक हंगामा किया और पूरे मामले का ठिकरा पुलिस पर फोड़ा.
व्यवसायियों का कहना था कि पुलिस सिर्फ खानापूर्ति कर रही है. जब शहर के व्यवसायी व उनके प्रतिष्ठान सुरक्षित नहीं है, तो फिर पुलिस किस काम की है. लगभग पांच घंटे तक व्यासायियों का आक्रोश भीतरी बाजार से लेकर शहर तक दिखा. कुछ घंटे के लिए व्यवसायियों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद रखीं, लेकिन जब कार्रवाई का भरोसा मिला तो भीतरी बाजार की तमाम दुकानें खुलीं.
पिछले वर्ष शृंगार दुकान में हुई थी चोरी : जैसे ही शृंगार दुकान की जलने की सूचना रंजीत गोसाईं और उनकी मां उषा गोसाईं को मिली, वैसे ही बदहवास हालत में दोनों पहुंचे और अपनी दुकान की स्थिति देख फफक पड़े. पता चला कि 25 साल पहले उषा गोसाई के पति की मौत हो चुकी है. किसी तरह उषा अपने मासूम बेटे को पालते हुए दुकान की कमान संभाली थी. पता चला कि पिछले वर्ष भी रंजीत गोसाईं की शृंगार दुकान में चोरी की घटना हुई थी.
जलने से बची बगल
की परचून दुकान
रंजीत की शृंगार दुकान के ठीक सामने भागवती गोसाईं परचून दुकान को भी आग लगाने की कोशिश की गयी थी. जब दुकान मालिक वहां पहुंचा और अपनी दुकान खोला, तो उस दुकान से जले कागज, मोमबत्ती व माचिस की तिल्लियां बरामद हुईं. व्यवसायियों की माने तो कागज से आग जला कर परचून दुकान में ठूंसा गया था. गनीमत रही कि किसी सामान में आग नहीं लगी.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, बुधवार की अहले सुबह रंजीत गोसाई की शृंगार दुकान से अचानक धुआं उठने लगा, जिसके बाद आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गयी. आनन-फानन में किसी व्यवसायी ने दुकान मालिक को सूचना देकर दमकल विभाग को फोन किया. कुछ ही देर में दमकल की गाड़ियां वहां पहुंची और आग पर काबू पाया.
रंजीत के दुकान का सारा सामान जल कर राख हो चुका था. गनीमत रही कि शृंगार दुकान की आग आसपास के दुकानों तक नहीं पहुंची, अन्यथा करोड़ों का नुकसान हो सकता था. इधर एसडीपीओ अनूप कुमार ने बताया कि आग लगी है या लगायी गयी है इस पूरे मामले की छानबीन की जा रही है.
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