अक्षय तृतीया पर दो स्थायी लगन सिंह व वृश्चक मिल रहे हैं
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अक्षय तृतीया पर 11 साल बाद बन रहा सुखद महासंयोग
अक्षय तृतीया पर दो स्थायी लगन सिंह व वृश्चक मिल रहे हैं मलमास समाप्त होते ही फिर से गूंजेगी शहनाई मदनपुर : बैशाख शुक्ल तृतीया जिसे अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस बार 18 अप्रैल को मनाया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार लगभग 11 साल बाद अक्षय तृतीया पर 24 घंटे का सर्वार्थ […]
मलमास समाप्त होते ही फिर से गूंजेगी शहनाई
मदनपुर : बैशाख शुक्ल तृतीया जिसे अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस बार 18 अप्रैल को मनाया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार लगभग 11 साल बाद अक्षय तृतीया पर 24 घंटे का सर्वार्थ सिद्धि योग का महासंयोग बन रहा है. इस दिन मांगलिक कार्य का विशेष लाभ मिलेगा. इस शुभ मुहूर्त में शादियां भी होंगी. ऐसे में रात 2:02 से रात 4 बजे तक विवाह के फेरे लेना शुभ है. परशुराम जयंती हिंदू पंचांग के बैशाख माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनायी जाती है. इसलिए अक्षय तृतीया पर परशुराम जयंती के समारोह भी होंगे. इस बार अक्षय तृतीया से पहले द्वितीया तिथि का लोप है, लेकिन भक्तों के लिए अक्षय तृतीया अपार सुख समृद्धि लाने वाली होगी.
ज्योति शास्त्री बसंत शून्य दास ने बताया कि तृतीया 18 अप्रैल को 4:47 से शुरू होकर रात 3:03 तक रहेगी. यह सर्वार्थ सिद्धि किसी शुभ कार्य को करने का शुभ मुहूर्त होता है. इस मुहूर्त में शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि पर विचार करने की जरूरत नहीं है. अक्षय तृतीया पर दो स्थाई लग्न सिंह और वृश्चक मिल रहे हैं. इस दौरान सोना,वाहन, मकान आदि खरीदने और पूजा कर्म का विशेष लाभ मिलेगा. इस दिन मुंडन आदि संस्कारों का भी विशेष लाभ मिलेगा,लेकिन विवाह के फेरे लेने के लिए रात 2:02 बजे से 4 बजे तक का समय बेहतर है.
18 अप्रैल से गूंजेगी शहनाई
खरमास समाप्त होने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. शुभ मुहूर्त के इंतजार की घड़ियां समाप्त होने वाली हैं. अब 18 अप्रैल से शहर समेत गांव की पगडंडियों तक शहनाई की गूंज सुनाई पड़ने लगेगी. बीच में मलमास के कारण एक माह तक सभी शुभ कार्य बंद रहे. मलमास समाप्त होते ही फिर से शहनाइयों की गूंज आरंभ हो जाएगी. शादी की तैयारियां आरंभ हो गई हैं.
होटल से लेकर बैंड- बाजा व वाहनों की अग्रिम बुकिंग हो गई है. हालत यह है कि पहले हम पहले हम के कारण सभी को पूर्व से निर्धारित दरों से अधिक जेब ढीली करनी पड़ रही है. 15 अप्रैल को खरमास की समाप्ति के साथ ही 18 अप्रैल से वैवाहिक कार्यक्रम आरंभ हो जाएगा. 12 मई तक लग्न रहेगा, फिर 13 मई से 13 जून तक एक माह तक चलने वाले मलमास के कारण वैवाहिक आयोजनों पर विराम लग जाएगा. इसके बाद पुनः 14 जून से वैवाहिक कार्यक्रम की शुरुआत होगी जिस का समापन 17 जुलाई को होगा.
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