औरंगाबाद (ग्रामीण) : देव प्रखंड के सरैया गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीभागवत भक्ति प्रचार ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन कथावाचक मृत्युंजय मिश्र ने अपने मुखारबिंद से श्रद्धालुओं को प्रवचन रूपी अमृत का पान कराया. उन्होंने कहा कि रामावतार व कृष्णावतार में भगवान ने अपनी सभी कलाओं के साथ अवतार लिया.
माता के आग्रह पर उन्होंने बाल रूप भी दिखाया. बाल लीला का वर्णन करने समय उन्होंने माखन चोर कृष्ण का वर्णन किया और कहा कि एक बार कृष्ण दोस्तों के साथ माखन चोरी कर स्वयं और दोस्तों को भी खिला रहे थे. मां ने माखन खाते-खिलाते रंगे हाथ पकड़ लिया. बाल स्वभाव के अनुरूप श्रीकृष्ण ने अनेको बहाना बनाया, लेकिन मां की नजर से वह नहीं बच पाये. एक बार बाल कृष्ण ने मिट्टी खा लिया. कन्हैया के दोस्तों ने मां को बताया कि वह मिट्टी खाया है. मां डंडा लेकर कृष्ण के पास आती है और उनसे कारण पूछती है.
कृष्ण अनेकों बहाना बना कर मुंह नहीं खोलते पर डंडे के डर से जब उनका मुंह खोला तो मां सकते में पड़ गयी. कृष्ण के मुंह में ब्रrाण्ड को देखा, देव, गंधर्व, किन्नर दिखने लगे. मां डर कर बेहोश हो गयी. कान्हा ने मां की दशा देख अपने बाल स्वरूप में आ गये और मां धीरे-धीरे संयमित हो गयी.