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सिर्फ दो दिनों में कराया 2040 लोगों से हस्ताक्षर, सीएम को भेजने की तैयारी

उसी लड़के से करूंगी शादी जो दहेज की मांग न करें: नीतू दाउदनगर : दहेज प्रथा और बाल विवाह मुक्त बिहार बनाने एवं स्वच्छ भारत और शौचालय विहीन घरों में शौचालय बनवाने का संकल्प लेकर बीए पार्ट-टू की नीतू कुमारी निकल पड़ी है. वह दाउदनगर प्रखंड के तरार निवासी रालोसपा नेता चंद्र भूषण वर्मा की […]

उसी लड़के से करूंगी शादी जो दहेज की मांग न करें: नीतू
दाउदनगर : दहेज प्रथा और बाल विवाह मुक्त बिहार बनाने एवं स्वच्छ भारत और शौचालय विहीन घरों में शौचालय बनवाने का संकल्प लेकर बीए पार्ट-टू की नीतू कुमारी निकल पड़ी है. वह दाउदनगर प्रखंड के तरार निवासी रालोसपा नेता चंद्र भूषण वर्मा की पुत्री है और महिला कॉलेज दाउदनगर की छात्रा है.
पिता श्री वर्मा पिछला विधानसभा चुनाव एनडीए प्रत्याशी के रूप में रालोसपा से ओबरा विधानसभा क्षेत्र से लड़ चुके हैं. इस छात्रा ने हस्ताक्षर अभियान चलाया और मात्र दो दिनों के भीतर 2040 ग्रामीणों का हस्ताक्षर करवा चुकी है. इसने बजाप्ता एक रजिस्टर बनाकर ग्रामीणों का हस्ताक्षर कराया है, जिसमें साक्षरों की संख्या 1830 एवं निरक्षरों की संख्या 210 है. उसके रजिस्टर पर 1174 महिलाओं एवं 866 पुरुषों ने हस्ताक्षर किया है. छात्रा ने बताया कि इस हस्ताक्षरयुक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपेंगी.
पिता ने की सराहना : नीतू दो बहन और एक भाई हैं. बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. भाई नीतीश इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी की तैयारी कर रहा है. अपनी बेटी के इस निर्णय से रालोसपा नेता चंद्र भूषण वर्मा एवं उनकी पत्नी गायत्री देवी भी खुश दिखे .उन्होंने कहा कि बेटी ने यह अत्यंत ही सराहनीय निर्णय लिया है और उसके निर्णय में साथ हैं. बेटा-बेटी दोनों की शादी बिना दहेज के करेंगे.
दहेज प्रथा और बाल विवाह समाज के लिए कलंक नीतू ने कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह समाज के लिए कलंक है, कोढ़ है, अभिशाप है. इस कलंक को हटाना समाज के लिए बहुत ही जरूरी है. दहेज प्रथा ने बिहार में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में एक व्यवसाय का रूप ले लिया है, जो दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है ,खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.
इसे खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा. प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मानसिकता बदलनी होगी. आज तक शपथ लेने वाले सरकारी कर्मी, सामान्य व्यक्ति या समाजसेवी हो शपथ ले चुके हैं. अगर उस शपथ को समझते और शपथ के नियम का पालन करते तो हमारा बिहार दहेज बंदी व बाल विवाह बंदी के मामले में बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया हुआ नजर आता. दहेज प्रथातथा बाल विवाह को खत्म करने के लिए महिलाओं और युवा वर्ग के लोगों को आगे आना होगा तभी यह कुप्रथा खत्म हो सकती है.
उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकेंगी लड़कियां
दहेज प्रथा और बाल विवाह बंद होने से लाभ गिनाते हुए नीतू ने कहा कि दहेज प्रथा बंद होने से लड़कियां उच्च
शिक्षा ग्रहण कर सकेंगी. भ्रूण हत्या बंद होगी. गरीब परिवार की लड़कियां भी अमीर परिवार में ब्याही जायेंगी .दहेज प्रताड़ना के मामलों में कमी आयेगी और महिलाओं की जानें नहीं जायेंगी. बेरोजगार मुक्त बिहार ही नहीं बल्कि बेरोजगार मुक्त भारत का निर्माण होगा. बाल विवाह बंद होने से जच्चा- बच्चा की जान बचेगी. बच्चे उचित शिक्षा ग्रहण करेंगे. बाल विवाह बंद होने के कारण मां कुपोषित बच्चों को जन्म नहीं देगी .उसने हस्ताक्षर अभियान के दौरान लोगों से अपील करते हुए कहा कि बहू को रुप नहीं, दहेज नहीं बल्कि गुण देख कर लाएं और बहू को बेटी बनाएं.
अन्य लड़कियां भी लें निर्णय
नीतू ने अपने घर पर अपने पिता के साथ पत्रकारों से कहा कि दहेज प्रथा, बाल विवाह और स्वच्छता के बारे में भाषण देना तो आसान बात है ,लेकिन करना कठिन है. इसलिए उसने हस्ताक्षर अभियान चलाकर समाज में लोगों को जागरूक करने को ठाना. अपने माता-पिता के समर्थन से उसने यह निर्णय लिया. उसने कहा है कि एक लड़की के पिता को दहेज देने में कितनी कष्ट व परेशानी उठानी पड़ती है, यह उसने अपनी आंखों से अपने घर में देखा है, जिसे देख कर वह बहुत दुखी हुई.
लेकिन कुछ कर नहीं सके, लेकिन अब उसके पिता अपनी बेटी और बेटा का बिना दहेज लिए दिये ही शादी करेंगे .उसने स्पष्ट कहा कि वह भी उसी लड़का से शादी करेगी, जो दहेज की मांग नहीं करेगा. अन्यथा शादी नहीं करेगी .नीतू का कहना है कि उसके इस अभियान से प्रेरित होकर अन्य लड़कियों को भी ऐसा निर्णय लेना चाहिए तथा समाज हित में ऐसा काम करना चाहिए ,जिससे समाज का उन्नति और विकास हो सके.

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