एक सीजन में लगभग 40 से 50 लाख रुपये का कारोबार का अनुमान
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ठंड ने बढ़ाया खेल सामग्री का कारोबार, 30-40 प्रतिशत का इजाफा
एक सीजन में लगभग 40 से 50 लाख रुपये का कारोबार का अनुमान वॉलीबॉल का क्रेज सिर्फ शहरों में नहीं, बल्कि गांवों में भी जिले में जगह-जगह हो रहे कई टूर्नामेंट्स भी औरंगाबाद सदर : ठंड का मौसम आते ही खेल के प्रति उत्साह बढ़ जाता है. इसका असर खेल सामग्रियों के कारोबार पर भी […]
वॉलीबॉल का क्रेज सिर्फ शहरों में नहीं, बल्कि गांवों में भी
जिले में जगह-जगह हो रहे कई टूर्नामेंट्स भी
औरंगाबाद सदर : ठंड का मौसम आते ही खेल के प्रति उत्साह बढ़ जाता है. इसका असर खेल सामग्रियों के कारोबार पर भी पड़ता है. शहर में खेल सामग्री बेचने वाले व्यवसायी बताते हैं कि एक सीजन में लगभग 40 से 50 लाख रुपए का कारोबार हो जाता है. ठंड के मौसम में लोग क्रिकेट और बैडमिंटन का जम कर लुत्फ उठा रहे हैं. वहीं इस मौसम में विभिन्न खेलों के टूर्नामेंट भी आयोजित होने लगे हैं. सुबह से ही युवा अपने घर के नजदीक खाली पड़ी जमीन व मैदानों में क्रिकेट,बैडमिंटन ,वॉलीबॉल एवं फुटबॉल खेलने में मशगूल रहते हैं. ऐसे में बैडमिंटन, टेनिस बॉल ,कॉर्क, बैट, वॉलीबॉल की बिक्री बढ़ गयी है. क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबॉल ,वॉलीबॉल का क्रेज सिर्फ शहरों में नहीं बल्कि गांव में भी है .खासकर वॉलीबॉल और फुटबॉल गांव के युवाओं को ज्यादा पसंद है. इस स्थिति में गांव से लेकर शहर तक खेल सामग्रियों की जबर्दस्त मांग हो रही है.
एक सीजन में लगभग 40 से 50 लाख रुपये का कारोबार का अनुमान
वॉलीबॉल का क्रेज सिर्फ शहरों में नहीं, बल्कि गांवों में भी
जिले में जगह-जगह हो रहे कई टूर्नामेंट्स भी
औरंगाबाद सदर : ठंड का मौसम आते ही खेल के प्रति उत्साह बढ़ जाता है. इसका असर खेल सामग्रियों के कारोबार पर भी पड़ता है. शहर में खेल सामग्री बेचने वाले व्यवसायी बताते हैं कि एक सीजन में लगभग 40 से 50 लाख रुपए का कारोबार हो जाता है. ठंड के मौसम में लोग क्रिकेट और बैडमिंटन का जम कर लुत्फ उठा रहे हैं. वहीं इस मौसम में विभिन्न खेलों के टूर्नामेंट भी आयोजित होने लगे हैं. सुबह से ही युवा अपने घर के नजदीक खाली पड़ी जमीन व मैदानों में क्रिकेट,बैडमिंटन ,वॉलीबॉल एवं फुटबॉल खेलने में मशगूल रहते हैं. ऐसे में बैडमिंटन, टेनिस बॉल ,कॉर्क, बैट, वॉलीबॉल की बिक्री बढ़ गयी है.
क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबॉल ,वॉलीबॉल का क्रेज सिर्फ शहरों में नहीं बल्कि गांव में भी है .खासकर वॉलीबॉल और फुटबॉल गांव के युवाओं को ज्यादा पसंद है. इस स्थिति में गांव से लेकर शहर तक खेल सामग्रियों की जबर्दस्त मांग हो रही है.
अक्तूबर से लेकर मार्च तक खेल का स्पेशल सीजन रहता है. ऐसे में क्रिकेट बैडमिंटन, वॉलीबॉल व फुटबॉल सहित अन्य खेलों के लिए खेल सामग्री की मांग बढ़ जाती है. वर्तमान में क्रिकेट और बैडमिंटन व फुटबॉल की मांग बढ़ी हुई है. इस सीजन में टूर्नामेंट का भी खूब आयोजन होता है. सिर्फ चार से पांच महीने में लगभग 40 से 50 लाख रुपये का कारोबार हो जाता है.
पिकेश कुमार, खेल व स्टेशनरी के होलसेल विक्रेता
अन्य महीनों की अपेक्षा ठंड के मौसम में खेल सामग्रियों की बिक्री बढ़ जाती है .अप्रैल से लेकर अक्तूबर तक खेल सामान की बिक्री छिटपुट होती है और सात से आठ महीने में 25-30 लाख तक कारोबार होता है.ठंड में उससे अधिक लगभग 30 से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी इस व्यवसाय में देखी जाती है. फरवरी से मार्च महीने तक खेल सामग्रियों का कारोबार ठीक रहता है.
मोती कुमार, खेल सामग्री विक्रेता
सामान व कीमत
सामग्री कीमत
बैडमिंटन 80-2000
कॉक 15-200
टेनिस बॉल 30-80
टेनिस बल्ला 150-700
फुटबॉल 300-800
वॉलीबॉल 400-1300
टेनिस रैकेट 50-200
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