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जननी बाल सुरक्षा योजना के लाभुकों का खुलवाया खाता
पीएचसी के पास तीन साल से पड़े हैं 10 लाख रुपये दाउदनगर अनुमंडल. दाउदनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का करीब 10 लाख रुपये तीन वर्षों के भीतर बैंक में पड़ा हुआ है.इसका खुलासा तब हुआ, जब प्रसवोपरांत सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि की समीक्षा स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गयी, तो पता चला कि वर्ष 2014 […]
पीएचसी के पास तीन साल से पड़े हैं 10 लाख रुपये
दाउदनगर अनुमंडल. दाउदनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का करीब 10 लाख रुपये तीन वर्षों के भीतर बैंक में पड़ा हुआ है.इसका खुलासा तब हुआ, जब प्रसवोपरांत सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि की समीक्षा स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गयी, तो पता चला कि वर्ष 2014 से अब तक दाउदनगर प्रखंड में करीब 700 गर्भवती महिलाओं ने 1400 रुपए की दर से मिलने वाले सरकारी प्रोत्साहन राशि का चेक तो ले लिया है, लेकिन बैंक में उनका खाता नहीं रहने के कारण वह चेक बैंक खाता में नहीं जमा हो सका और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के खाते से उसकी निकासी नहीं हो सकी.
स्वास्थ्य प्रबंधक विकास शंकर ने बताया कि जैसे ही इस संबंध में जानकारी मिली तो कुछ बैंकों से संपर्क कर उनसे पीएचसी में ही शिविर लगाकर खाता खोलने का अनुरोध किया गया, जिसके बाद पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, मध्य बिहार ग्रामीण बैंक और यूनियन बैंक के द्वारा दो दिवसीय शिविर लगाया गया है.लाभुक महिलाओं को शिविर की सूचना दे दी गई है और न्यूनतम एक सौ रुपया जमा कर लाभुक महिलाओं द्वारा अपना बैंक खाता खोला जा रहा है
इसी क्रम में मंगलवार को 100 से भी अधिक महिलाओं ने अपना बैंक खाता खुलवाया है.बुधवार तक यह शिविर लगा रहेगा.
बारुण प्रतिनिधि के अनुसार, बारुण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर शिविर लगा कर जननी बाल सुरक्षा योजना के अंतर्गत बैंक खाते खोले गये. इसमें एसबीआइ से प्रसिद्ध कुमार मिश्रा, पीएनबी से प्रमोद मिश्रा और रामाकांत मिश्रा और मध्य बिहार ग्रामीण बैंक से घनश्याम कुमार द्वारा केवल आधार कार्ड की प्रति लेकर 60 बैंक खाते खोले गये.
प्रखंड लेखापाल प्रवीण कुमार ने बताया कि जननी बाल सुरक्षा योजना व अन्य योजनाओं के अंतर्गत मिलनेवाली प्रोत्साहन राशि चेक से दी जाती है. लेकिन कई लोगों का बैंक खाता नहीं होने की वजह से मुश्किल होती है.
पूरे जिले में 7406 ऐसे लाभुक हैं, जिनको चेक द्वारा प्रोत्साहन राशि दी गयी थी, लेकिन वह अब तक बैंकों में जमा नहीं हो सकी है. इसका मुख्य कारण लाभुक का बैंक में खाता नही होना होता है. खाता खुलने के बाद पीएफएमएस द्वारा खातों में तत्काल पैसे डाले जायेंगे. साथ ही बताया कि यह शिविर बुधवार तक ही लगेगा, जिसके अंतर्गत जीरो बैलेंस पर खाता खोला जा रहा है.
दाउदनगर प्रतिनिधि के अनुसार, स्थानीय पीएचसी में आयोजित बैठक के दौरान स्वास्थ्य प्रबंधक विकास शंकर एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा मनोज कुमार कौशिक ने एएनएम को हर हालत में प्रसव का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया. स्वास्थ्य प्रबंधक ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट के अनुसार एक वर्ष में प्रत्येक एक हजार की आबादी पर 30 महिलाएं गर्भवती होती हैं .
औसतन प्रतिमाह इतनी आबादी पर दो से तीन प्रसव होना चाहिए. स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव की संख्या कम हुई है, इसलिए सभी एएनएम प्रतिमाह कम से कम तीन प्रसव कराना सुनिश्चित करें अन्यथा कार्रवाई की जा सकती है .आरसीएच रजिस्टर पर भी बैठक में चर्चा की गयी.
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