Advertisement
सांप काटे, तो पहुंचें अस्पताल झाड़-फूंक में जा सकती है जान
दो माह में आ चुके हैं सांप काटने के करीब 60 मामले पांच लोगों की हुई है मौत औरंगाबाद सदर : विज्ञान के प्रकाश में आज भी कहीं न कहीं अंधविश्वास देखने सुनने को मिल जाता है. अंधविश्वास से जुड़ा एक मामला गुरुवार को प्रकाश में आया है. बारुण प्रखंड के ग्राम मस्तुल के सरयू […]
दो माह में आ चुके हैं सांप काटने के करीब 60 मामले
पांच लोगों की हुई है मौत
औरंगाबाद सदर : विज्ञान के प्रकाश में आज भी कहीं न कहीं अंधविश्वास देखने सुनने को मिल जाता है. अंधविश्वास से जुड़ा एक मामला गुरुवार को प्रकाश में आया है. बारुण प्रखंड के ग्राम मस्तुल के सरयू राम की पत्नी राजपति देवी व बेटी ज्ञानती कुमारी बुधवार की रात अपने घर में सोयी हुई थीं.
इसी बीच रात में मां-बेटी को एक सांप ने काट लिया. आवाज सुन कर परिजनों ने घर में सांप को ढूंढ कर उसे मार दिया. फिर परिजनों ने राजपति देवी व ज्ञानती देवी को लेकर आनन-फानन में झाड़-फूंक के लिए डेहरी के बांक गांव पहुंचे. परिजनों ने जिस सांप को मारा था उसे भी साथ लेकर गये थे. यहां सुबह तक दोनों मां-बेटियों का झाड़-फूंक किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अंत में दोनों को वहां से सीधे सदर अस्पताल में भरती कराया, जहां दइलाज के बाद कुछ ही घंटे में दोनों की स्थिति सुधर गयी.
आम तौर पर ऐसा देखा जाता है कि सांप काटने के बाद सीधे लोग झाड़ फूंक के लिए किसी ओझा के पास पहुंच जाते है. जब इससे कोई फायदा नहीं होता तो फिर चिकित्सीय इलाज कराते है. बहरहाल बता दें कि अब तक दो महीने के भीतर सर्पदंश के ऐसे 58 से 60 मामले सामने आये हैं, जिसमें से पांच लोगों की मृत्यु भी हुई है. सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा राजकुमार प्रसाद ने बताया कि अस्पताल में एंटी वेनम सिरम वैक्सिन (सांप काटे की दवा) पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement