अरवल : बाल श्रम उन्मूलन जिला टास्क फोर्स की बैठक डीएम रविशंकर चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न की गयी. उन्होंने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन व किशोर श्रम निषेद्य के लिए प्रखंड व पंचायतस्तर पर टास्क फोर्स का गठन करना है, ताकि अभियान चलाकर जिला अंतर्गत होटल, दुकान आदि स्थलों पर कार्यरत श्रम बालकों को मुक्त करा दिया जाये.
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बालश्रम उन्मूलन के लिए गठन किया जायेगा टास्क फोर्स : जिलाधिकारी
अरवल : बाल श्रम उन्मूलन जिला टास्क फोर्स की बैठक डीएम रविशंकर चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न की गयी. उन्होंने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन व किशोर श्रम निषेद्य के लिए प्रखंड व पंचायतस्तर पर टास्क फोर्स का गठन करना है, ताकि अभियान चलाकर जिला अंतर्गत होटल, दुकान आदि स्थलों पर कार्यरत श्रम बालकों को […]
प्रखंड स्तर के टास्क फोर्स में प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारी व श्रम प्रर्वतन पदाधिकारी समिति के सदस्य सचिव होंगे. प्रखंड के प्रमुख इसके अध्यक्ष और बीडीओ इसके उपाध्यक्ष होंगे. पंचायत स्तर पर मुखिया इसके अध्यक्ष व पंचायत सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे.
सदस्य के रूप में सभी वार्ड सदस्य, पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक, आंगनबाड़ी सेविका, विकास मित्र, टोला सेवक, आशा, पंचायत रोजगार सेवक, किसान सलाहकार, शिक्षा मित्र व विद्यालय प्रबंधन समिति के लोग इसके सदस्य होंगे. इन टास्क फोर्स की बैठक माह में कम से कम एक बार निश्चित रूप से करना है. डीएम ने कहा कि सात जून की शाम पांच बजे समाहरणालय के सभा कक्ष में बाल श्रम उन्मूलन के लिए लोगों को जागरूकता के लिए अभियान का आयोजन जिलास्तर पर किया जायेगा, जिसमें जिले के सभी जन प्रतिनिधि व अन्य लोग भाग लेंगे.
बाल श्रमिकों को उन्मूलन के लिए शपथ भी दिलाया जायेगा. श्रम विभाग के उपस्थित सभी कर्मियों को निदेशित किया गया कि कल के अभियान के बाद सभी पंचायतों में जाकर लोगों को शपथ दिलाना है और युद्धस्तर पर अभियान चलाकर सभी दुकान व होटलों से मजदूरी में संलग्न बच्चों को मुक्त कराना है. इस अभियान के तहत प्रतिदिन एक पंचायत को कवर कर 20 जून तक सभी पंचायत को पूरा कर लेना है.
मुक्त कराये गये बच्चों को 15 दिन तक पुर्नवास में रखना है और इसके बाद इन्हें स्कूलों में नामांकन कराकर शिक्षित किया जाना है. गरीब तबके के बच्चें के माता-पिता को वृद्धावस्था पेंशन आदि से लाभांवित कराना है. होटल व दुकानों में बाल मजदूरों के पकड़े जाने पर इनके मालिकों पर भी कानूनी कार्रवाई की जानी. डीएम ने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन के तहत जो दिशा निर्देश दिया गया है, उसका अक्षरशः पालन किया जाये.
बाहर जाने वाले बच्चों को रोका जाये. मुक्त कराये गये बच्चों के स्वास्थ्य की भी जांच करनी है और इनके कल्याण के लिए हर संभव मदद करनी है. मुक्त कराये गये बच्चें पुनः मजदूरी में न लगे, इस पर विशेष ध्यान देना है. बैठक में जिप अध्यक्ष किरण देवी, एसडीओ किरण सिंह, सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार, सहायक निदेशक समाजिक सुरक्षा प्रदीप कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी कृष्णा राम आदि उपस्थित थे.
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