19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पशु अस्पताल में चिकित्सक की कमी, पशुपालक परेशान

करपी (अरवल) : एक ओर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों को दूध व्यवसाय से जुड़ने के लिये तरह -तरह के कार्यक्रम चला रही है. यहां तक कि गव्य विभाग समेत अन्य माध्यमों से दुधारू पशु खरीदने के लिये लोन भी दे रही है, ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा पशुओं को रखकर दूध व्यवसाय से जुड़ें, […]

करपी (अरवल) : एक ओर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों को दूध व्यवसाय से जुड़ने के लिये तरह -तरह के कार्यक्रम चला रही है. यहां तक कि गव्य विभाग समेत अन्य माध्यमों से दुधारू पशु खरीदने के लिये लोन भी दे रही है, ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा पशुओं को रखकर दूध व्यवसाय से जुड़ें, लेकिन मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय को देखा जाये तो खुद ही बीमार कहा जा सकता है. हद तो यह है कि इस पशु चिकित्सालय के बाहर एक बोर्ड भी नहीं लगा है,

ताकि लोगों को जानकारी मिल सके कि करपी में भी सरकारी पशु चिकित्सालय है, जिसका नतीजा यह है कि क्षेत्र के पशुपालक ग्रामीण निजी पशु चिकित्सकों के हाथों लुटने को मजबूर हैं. ऐसी बात नहीं कि इस चिकित्सालय में चिकित्सक की पोस्टिंग नहीं है, लेकिन किस दिन और किस समय आयेंगे या नहीं आयेंगे यह बताने वाला कोई नहीं है. एक भ्रमणशील चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में डॉ. चंदा कुमारी एवं ऑपरेटर के रूप श्यामदेव प्रसाद की पोस्टिंग है.

हद तो तब हो गयी जब ऑपरेटर को पशु चिकित्सालय का खुलने एवं बंद होने का समय भी नहीं मालूम है. इनसे समय के बारे में जानकारी प्राप्त करने पर बताया कि मुझे खोलने और बंद होने का समय नहीं मालूम, लेकिन मैं सुबह 9:30 बजे आता हूं, 4:30 बजे चला जाता हूं. मेरा कार्य कम्प्यूटर से संबंधित है. पशुपालकों ने बताया कि पूर्व के वर्षों तक एक दास जी नामक एक रात्रि प्रहरी के रूप में थे, वे ही हम लोगों के पशुओं की चिकित्सा करते थे, लेकिन पिछले दो वर्ष पूर्व उनके सेवानिवृत्त हो जाने के कारण अब हमलोग ग्रामीण पशु चिकित्सक से अपने पशुओं की चिकित्सा कराने के मजबूर हैं.

पहले हम लोगों को पशु चिकित्सालय से दवा के साथ कैल्शियम एवं सिमिन्स भी काफी सस्ती दर पर मिल जाती थी, लेकिन अब हम पशुपालक भूल ही गये कि करपी में भी सरकारी चिकित्सालय भी है. पशुपालकों ने बताया कि मामूली रूप से भी पशुओं के बीमार पड़ने पर ग्रामीण पशु चिकित्सक से चिकित्सा कराने में हजार रुपये का बिल बना देते हैं. इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ वाल्मीकि प्रसाद से पूछे जाने पर बताया कि पूरे जिले में पशु चिकित्सक के साथ अन्य कर्मियों की कमी है,

जिसकी रिक्तियां विभाग को भेज दी गयी है. उन्होंने बताया कि करपी स्थित पशु स्वास्थ्य केंद्र में एक प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी एवं एक भ्रमणशील चिकित्सा पदाधिकारी, एक ऑपरेटर एवं दो चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का पद स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में एक भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी एवं एक ऑपरेटर कार्यरत है, लेकिन 3 फरवरी से 19 फरवरी तक भेड़-बकरियों को घूम-घूम कर टीकाकरण किये जाने के कारण भ्रमणशील पशुचिकित्सा पदाधिकारी डॉ चांद देवी पशु चिकित्सालय नहीं जाकर क्षेत्र में रह रही हैं. उन्होंने बताया कि पुनः 21 फरवरी से पशुओं को टीकाकरण कार्य चलेगा जो 7 मार्च तक जारी रहेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें