17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दस िदनों में चार विवाहिता की हत्या

शर्मनाक . दहेज को लेकर की गयी हत्या ने झकझोरा, खामोश है समाज पिछले दस दिनों में जिले में दहेज के लिए चार विवाहिताओं की हत्या कर दी गयी. सब कुछ जानने के बावजूद समाज के लोग मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं. पुलिस पर जांच की निर्भरता बढ़ती जा रही है. अगर समाज इस […]

शर्मनाक . दहेज को लेकर की गयी हत्या ने झकझोरा, खामोश है समाज

पिछले दस दिनों में जिले में दहेज के लिए चार विवाहिताओं की हत्या कर दी गयी. सब कुछ जानने के बावजूद समाज के लोग मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं. पुलिस पर जांच की निर्भरता बढ़ती जा रही है. अगर समाज इस मामले में मुखर हो तो इस तरह की घटनाओं पर रोक लगायी जा सकती है.
अररिया : वजह जो भी रहा हो हत्या का, लेकिन दहेज को लेकर की गयी हत्या का ही मामला पीड़ित पक्ष द्वारा थाना में दर्ज कराया जाता है. इन मामलों में औरतों को भी अभियुक्त बना दिया जाता है कि हत्या करने के दौरान नामजदों को वह सहयोग कर रही थी. ये तमाम घटनाएं सामाजिक ताना-बाना पर निश्चय ही सवाल खड़ा करता है. समाज के लोग हत्या करने की वजह और किसने की हत्या. सब कुछ जानने के बाद मुंह खोलने से परहेज करते हैं. ऐसे में पुलिस जांच पर मामला आकर टिक जाता है.
यह भी कि ऐसे मामलों में तथाकथित समाज के ठेकेदार बचाने-फंसाने के मामलों में सक्रिय हो जाते हैं. इससे इनकार भी नहीं हुआ जा सकता है. महज 10 दिनों के अंदर जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में कथित दहेज दानवों ने चार विवाहिता की हत्या कर दी. कई मामलों में पुलिस ने त्वरित तौर पर अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी की. पुलिस अनुसंधान में जुटी भी है, लेकिन महिला सशक्तीकरण की बहती बयार में महिलाओं की हत्या की घटनाएं जिले के अमन पसंद इतिहास को कलंकित करता हुआ नजर आता है. कुछ मामले ऐसे भी होते हैं कि समाज के कथित ठेकेदार पीड़ित व हत्यारोपियों के बीच समझौता तक करा डालते हैं. पुलिस को भनक भी नहीं लगती है. लेकिन कुछ नहीं कर पाने की लाचारगी भी सामने आ जाती है. इस तरह के मामलों को लेकर समाज के लोगों पर दायित्व का बोध कराने की पहल प्रयास भी होना चाहिए. महिलाओं के साथ होती इन क्रूरतम हत्याओं पर विराम कैसे लगे. इसके लिए महिला सुरक्षा सशक्तीकरण के लिए काम करने वालों संगठनों को आगे आना चाहिए. ऐसा जानकारों का मानना कहना है. पंचायत स्तर पर इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए.
केस स्टडी- एक
जोकीहाट थाना क्षेत्र के गांव हरदार के बीते 13 मार्च को निकहत परवीन, पति मो एखलाक की हत्या हो जाती है. निकहत का शव छोड़ कर ससुराल पक्ष फरार हो जाता है. सवाल यह कि आखिर पड़ोसी व समाज के लोग हत्यारोपियों को कैसे भागने दिया. क्यों नहीं उन लोगों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया. अपने नैतिक दायित्वों का निर्वहन क्यों नहीं कर रहा समाज.
केस स्टडी- दो
बीवी अंसरी की हत्या कर उसके शव को मक्का की खेत में फेंक कर ससुराल वाले फरार हो गये. घटना 20 मार्च को सिमराहा थाना क्षेत्र के हलदिया गांव की है. समाज के लोगों ने यहां भी नैतिक दायित्वों का निर्वहन नहीं किया. आखिर क्यों. हालांकि पुलिस ने कई अभियुक्तों को सलाखों के पीछे डाला.
केस स्टडी-तीन
जोकीहाट थाना क्षेत्र के बारा इस्तम्बरार के चमर टोली में ससुराल वालों ने 21 मार्च को बीवी रुखसार की हत्या कर दी. ससुराल वाले शव छोड़ कर फरार हो गये. समाज के लोगों ने नैतिक दायित्वों का निर्वहन नहीं किया.
केस स्टडी- चार
23 मार्च को अररिया आरएस ओपी क्षेत्र के टोला गड़हा वार्ड संख्या सात में एक बच्ची की मां रवीना परवीन की हत्या ससुराल में कर दी गयी. पति परदेश में है. समाज ने यहां भी अपने दायित्वों से मुंह मोड़ा. हालांकि पुलिस ने हत्यारोपी भैसुर को गिरफ्तार कर लिया. यहां भी समाज के लोग मूकदर्शक बने रहे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें