जानकारी . नप क्षेत्र में पीएचएच के तहत प्रतिमाह 26,734 लाभुकों ने उठाया खाद्यान्न
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प्रतिमाह 12 लाख का फर्जी उठाव
जानकारी . नप क्षेत्र में पीएचएच के तहत प्रतिमाह 26,734 लाभुकों ने उठाया खाद्यान्न नप क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभ का फायदा वर्ष 2013 से ही उठा रहे हैं बिना अर्हता वाले अयोग्य व फर्जी लाभुक. अररिया : नप क्षेत्र में अयोग्य लाभुकों द्वारा राशन कार्ड बना कर जिस प्रकार से राष्ट्रीय […]
नप क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभ का फायदा वर्ष 2013 से ही उठा रहे हैं बिना अर्हता वाले अयोग्य व फर्जी लाभुक.
अररिया : नप क्षेत्र में अयोग्य लाभुकों द्वारा राशन कार्ड बना कर जिस प्रकार से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पीएचएच व अंत्योदय का लाभ लिया जा रहा है, हालात बता रहे हैं कि अयोग्य लाभुकों द्वारा सरकार को प्रतिमाह लाखों के खाद्यान्न का चूना लगाया जा रहा है. हालांकि जिला प्रशासन यह कह रही है
कि सर्वे के बाद अयोग्य किये गये लाभुकों को नोटिस भेज कर इनके नाम को रिकार्ड से हटा दिया जायेगा. लेकिन दिलचस्प बात तो यह है कि सिर्फ नगर परिषद अररिया में जब 29 हजार 825 अयोग्य लाभुक गरीब को दिये जाने वाले पीएचएच व अंत्योदय का लाभ आसानी से उठा कर सरकार को तकरीबन प्रति माह पीएचएच व अंत्योदय के रूप में दो लाख 41 हजार 855 क्विंटल खाद्यान्न का चूना लगाते आ रहे हैं. इससे स्पष्ट अनुमान लगाया जा सकता है कि जिले के 218 पंचायत में कितने अयोग्य लाभुक सरकार को चूना लगाते आ रहे हैं.
क्या है अर्हता
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पीएचएच व अंत्योदय के लिए निर्धारित अर्हता के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार दो चक्का या चार चक्का वाहन के मालिक, दो कमरा से अधिक का पक्का मकान होने पर, एक एकड़ से अधिक जमीन का मालिक होने पर, सरकारी सेवक आदि को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता है.
कहते हैं एसडीओ
इस संबंध में सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि क्षेत्र में बनाये गये कार्डधारियों द्वारा ऐसे मामले ज्यादातर अयोग्य लाभुकों द्वारा लाभ लिये जाने से संबंधित दृष्टिगत हुए हैं, जिन्हे नोटिस भेज कर पहले तो सत्यापित कराया जा रहा है. जिनका नाम रिकार्ड से हटाया जायेगा बाद में इनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की जायेगी इसका निर्देश प्राप्त होने पर अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.
अयोग्य लाभुकों ने सरकार को लगाया चूना
पीएचएच व अंत्योदय के तहत मिलने वाले खाद्यान्न के संबंध में एक जविप्र के दुकानदार से मिली जानकारी के अनुसार अंत्योदय योजना के तहत प्रति लाभुकों को 35 किलो खाद्यान्न जिसमें 14 किलो गेहूं व 21 किलो चावल दिये जाने का प्रावधान है. पीएचएच के तहत दो किलो गेहूं व तीन किलो चावल दिये जाने का प्रावधान है. हालांकि इसके लिए निर्धारित दर दो रुपये किलो गेहूं व तीन रुपये किलो चावल लाभुकों से लिये जाने का प्रावधान है. लगभग दस गुणा से ज्यादा मार्जिन राशि का भुगतान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है. ऐसे में अर्हता से परे जाकर अयोग्य लाभुकों द्वारा प्रति माह सिर्फ नप क्षेत्र में पीएचएच मद में एक लाख 33 हजार 670 क्विंटल व अंत्योदय मद में एक लाख आठ हजार 185 क्विंटल खाद्यान्न का उठाव करते हुए सरकारी दर पर लगभग 12 लाख 9 हजार रुपये का चूना प्रति माह सरकार को लगाया गया है. ऐसे में इनको अयोग्य घोषित करते हुए सिर्फ नाम हटाने की कार्रवाई लोगों को पच नहीं रही है. नप क्षेत्र में ऐसे लाभुक अब भी हैं जो कि पीएचएच व अंत्योदय के अहर्ता में आते हैं लेकिन आज तक वे इन योजनाओं के लाभ से वंचित हैं. ऐसे में अयोग्य लाभुक द्वारा लिया गया लाभ गरीबों के थाली से अनाज की हकमारी मानी जा रही है. जोकीहाट प्रखंड के कुछ पंचायतों से ऐसे मामले सामने आये हैं जिनमें डीएम को दिये गये आवेदन में आवेदक ने मृत व एक वार्ड के अलावा अन्य वार्डों में लाभ लिये जाने वाले लाभुकों का मामला उठाया था. जिसमें जांच की कार्रवाई में हकीकत सामने आ चुकी है.
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