गुलाबबागः गुलाबबाग में बाजार बंद को लेकर दिन भर पुलिस चौकसी दिखी. दिन भर वज्र वाहन दौड़ती रही. इस बीच दो दिनों पहले व्यावसायिक संगठनों के बंद के अल्टीमेटम में करोड़ों का कारोबार प्रभावित भी हुआ. हालांकि, राघव की मां कंचन विहानी व पिता अशोक विहानी के आग्रह पर महासंघ ने बंद के आह्वान को वापस ले लिया था.
चार फरवरी को राघव की बरामदगी को लेकर दर्जन भर सामाजिक व व्यावसायिक संगठनों ने कैंडल मार्च निकाल कर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन को हड़ताल, बंद और आर्थिक नाकेबंदी का अल्टीमेटम दिया था. राघव के गायब होने के बाद से बारह दिन बाद भी कोई सुराग या राघव की बरामदगी का रास्ता नहीं देख लोगों में अफसोस व्याप्त था. यह संदेश कोसी के विभिन्न जिलों से मंडी आने वाले कारोबारियों तक पहुंची और इसका असर शुक्रवार को मंडी के कारोबार पर पड़ा.
किसानों की कम संख्या दिखी
जानकारी के अनुसार पूर्णिया बंद के आह्वान के बाद गुलाबबाग मंडी आने वाले हजारों किसानों की संख्या सैकड़ों में दिखी, वहीं कृषि जिंसों के कम आमदनी के साथ किराना, कॉसमेटिक, सीमेंट, छड़, खाद सहित अन्य सामानों के खरीदार भी मंडी नहीं पहुंचे, जिसके कारण बाजार में ग्राहकों की फांकाकसी रही, बल्कि गाड़ियों की भीड़ भी नहीं दिखी.
दिखी प्रशासन की चौकसी
भले ही महासंघ ने बंद के आह्वान को वापस ले लिया हो परंतु राघव अपहरण की गुत्थी और राघव के नहीं आने पर लोगों में भय के साथ गरमाहट जारी है. इसे लेकर शुक्रवार के एक दिन पहले से ही प्रशासन शहर के तमाम गतिविधियों पर नजर रखे हुए है. गुरुवार को ही गुलाबबाग में वज्र वाहन का सायरन बजने लगा था. शुक्रवार को भी दिन भर वज्र वाहन शहर के कई चौराहों पर दौड़ती दिखी. हालांकि सरस्वती पूजा विसजर्न को लेकर भी प्रशासन चौकस थी, लेकिन शहर के हर व्यक्ति के जुबां पर बंद से संबंधित बाते ही थी.